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सामाजिक सौहार्द की मजबूती के लिये नकवी के आवास पर मिले RSS नेता और मुस्लिम बुद्धीजीवी

mukhtar abbas naqvi

नई दिल्ली: अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर बैठक हुई। मुस्लिम धर्मगुरु और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता भी बैठक में मौजूद रहे। इस बैठक में भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन और फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली भी उपस्थित थे। अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाले अगले सात कार्यदिवसों के भीतर आ सकता है। कारण कि उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में उनके कार्यकाल के बस सात कार्यदिवस ही शेष हैं। साफ है कि सुनवाई कर रही पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ इन्हीं दिनों में फैसला सुना सकती है।

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केंद्र सरकार ने इस फैसले के मद्देनजर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय शस्त्र पुलिस बल के करीब चार हजार जवानों को उत्तर प्रदेश भेजा है। यह पुलिस बल 18 नवंबर तक राज्य में तैनात रहेगा। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते सोमवार को ही इस संबंध में फैसला लिया है। जिसमें मंत्रालय ने तुरंत प्रभाव से पैरामिलिट्री फोर्स की पंद्रह कंपनियों को भेजने की मंजूरी दी। मंत्रालय के आदेश के मुताबिक पैरा मिलिट्री फोर्स की 15 कंपनियों के अलावा बीएसएफ, आरएएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी की तीन-तीन कंपनियां भेजने को भी मंजूरी दी गई है।

क्या कहा नकवी ने

केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस मीटिंग के फोटो ट्विटर पर पोस्ट करते हुए कहा है कि मेरे निवास पर मुस्लिम समुदाय के धार्मिक, सामाजिक, शैक्षिक क्षेत्र के प्रमुख लोगों की एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें देश में सामाजिक सौहार्द, भाईचारे और एकता के ताने-बाने को मजबूत करने पर बल दिया गया।

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एक और ट्वीट में नकवी ने कहा कि बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह माननीय श्री कृष्ण गोपाल जी, अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख माननीय श्री रामलाल जी के साथ बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के धार्मिक, सामाजिक, शैक्षिक क्षेत्र के प्रमुख लोग उपस्थित रहे।

नकवी ने कहा कि बैठक बहुत ही सकारात्मक-रचनात्मक रही। मुस्लिम समुदाय के बुद्धिजीवियों, प्रमुख धार्मिक लोगों, शिक्षाविदों द्वारा किसी भी परिस्थिति में देश के सामाजिक सौहार्द, भाईचारे, एकता के ताने-बाने को मजबूत करने और उसे नुकसान पहुंचाने की साजिशों को एकजुट होकर शिकस्त देने का संकल्प लिया गया।