गणतंत्र दिवस हमें देश के संविधान और देश की रक्षा के लिए हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाता है: मौलाना हकीमुद्दीन कासमी

नई दिल्ली: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी की अध्यक्षता में मुजफ्फरनगर स्थित मदनी यूथ केंद्र में हर्ष उल्लास के साथ गणतंत्र दिवस मनाया गया। इस दौरान राष्ट्रीय धव्ज को सलामी देने के साथ-साथ यूथ क्लब के युवाओं ने देश के गणतंत्र के लिए प्रार्थना की. इसके बाद मदरसा इस्लामिया अरबिया सिराज-उल-उलूम खोड़ा नगला जिला मुजफ्फरनगर में गणतंत्र दिवस से संबंधित एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की।

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गणतंत्र दिवस समारोह को संबोधित करते हुए मौलना हकीमुद्दीन कासमी ने कहा कि भारत की आज़ादी की लड़ाई में हमारे उलेमा, और तमाम हिंदू और मुसलमानों ने संयुक्त रूप से बलिदान दिया, जिसकी वजह से हमें आज़ादी मिली और आज़ादी मिलने के तक़रीबन ढाई साल बाद भारत का संविधान लागू हुआ। इस तरह, सभी धर्मों के अनुयायियों को अपने धर्म का पालन करने आज़ादी के साथ जीवन जीने का अधिकार मिला। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र का यह पर्व हमें हमेशा याद दिलाता है कि हमें इसे सशक्त बनाना है। हम इस महान देश के नागरिक हैं, तो इसकी सेवा के लिये हमें इसके विकास में पूरी भागीदारी निभानी है।”

इससे पूर्व मदरसे के छात्र मोहम्मद शाकिर जरुदा, मोहम्मद अमानुल्लाह मुस्तफा, हाशिम ताबिश मुजफ्फरनगरी, मोहम्मद मशकूर ने सुंदर भाषण व नाट्य कार्यक्रम प्रस्तुत किया, मोहम्मद शोएब ने राष्ट्रगान और कारी सलमान ने मदरसों की आज़ादी के आंगदोलन में भूमका के बारे में कविताएं प्रस्तुत कीं, इस दौरान मुफ्ती अब्दुल हसीब, प्रधान तनवीर, मोहम्मद सरताज मुरसलीन और गांव के अन्य गणमान्य लोगों ने इस गणतंत्र दिवस समारोह में शिरकत की। इस दौरान कारी तैयब, कारी शमशाद, मास्टर इस्लाम, मास्टर उमर आदि ने भाग लिया।