CBSE पाठ्यक्रम से विशेष अध्यायों को हटाना RSS के संकीर्ण एजेंडे को दर्शाता है: SIO

नई दिल्लीः हाल ही में सीबीएसई ने मशहूर शायर फैज़ अहमद फैज़ समेत मुग़लकाल से जुड़े कई अध्याय को पाठ्यक्रम से हटा दिया है। सीबीएसई के इस फैसले की बुद्धिजीवि वर्ग में आलोचना हो रही है। इसी क्रम में स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ने भी सीबीएसई के इस कदम की निंदा की है। एसआईओ ने पाठ्यक्रम से हटाए गए अध्यायों को आरएसएस की संकीर्ण सोच से प्रेरित बताया है।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

एसआईओ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि “सीबीएसई द्वारा ‘लोकतंत्र और विविधता’ जैसे विषयों को पाठ्यक्रम से हटाने के फैसले का कोई भी अकादमिक आधार नहीं है। स्कूल के पाठ्यक्रम से महत्वपूर्ण विषयों को निकलने के पीछे एकमात्र कारण यही है कि सीबीएसई आरएसएस द्वारा बोये गए एक संकीर्ण, पक्षपातपूर्ण और वैचारिक एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है। बच्चों की शिक्षा में नफरत और विभाजन के जहर का इंजेक्शन लगाने का रवैया हम सभी के लिए चिंता का विषय होना चाहिए।

स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में झलकने वाला शिक्षा और समाज प्रति संकीर्ण दृष्टिकोण स्कूलों में कहर बरपा रहा है। पाठ्यपुस्तकों और पाठ्यक्रम की निरंतर तब्दीली, समावेशी, समग्र और परिवर्तनकारी शिक्षा के विचार के लिए मौत की घंटी है। नागरिक विषयों एवं इस्लाम और अन्य परंपराओं की सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत पर आधारित अध्यायों को हटाने से हमारा देश एक सत्तावादी और नस्लीय गणराज्य की तऱफ बढ़ता हुआ प्रतीत हो रहा है।”