नयी दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक समारोह के दौरान महात्मा गांधी के खिलाफ की गई कथित टिप्पणियों की आलोचना की और राष्ट्रपिता को उद्धृत करते हुए सोमवार को कहा कि उनके विचारों को कैद नहीं किया जा सकता।
“आप मुझे बेड़ियों से जकड़ सकते हैं, यातना दे सकते हैं, आप इस शरीर को ख़त्म भी कर सकते हैं, लेकिन आप मेरे विचारों को क़ैद नहीं कर सकते।”
– महात्मा गांधी#GandhiForever
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 27, 2021
देश के कृषि मंत्री ने मोदी जी की माफ़ी का अपमान किया है- ये बेहद निंदनीय है।
अगर फिर से कृषि विरोधी कदम आगे बढ़ाए तो फिर से अन्नदाता सत्याग्रह होगा-
पहले भी अहंकार को हराया था, फिर हरायेंगे!#FarmersProtest
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 25, 2021
वायनाड से लोकसभा सांसद राहुल ने हिंदू धार्मिक नेताओं के एक वर्ग द्वारा रविवार को रायपुर में एक धार्मिक समारोह के दौरान महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा किए जाने की घटना के मद्देनजर यह टिप्पणी की। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने महात्मा गांधी को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘आप मुझे जंजीरों में जकड़ सकते हैं, मुझे यातना दे सकते हैं, इस शरीर को नष्ट कर सकते हैं, लेकिन आप मेरे विचारों को कभी कैद नहीं कर सकते।’’
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के लिए अपशब्दों का प्रयोग करने वाले हिंदुत्ववादी कालीचरण के विरुद्ध थाना टिकरापारा, रायपुर में अपराध क्रमांक 578/2021 धारा 505(2), 294 IPC के तहत अपराध दर्ज़ किया गया है। pic.twitter.com/9xx4zyaUc9
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 27, 2021
बापू को गाली देकर, समाज मे विष वमन करके अगर किसी पाखंडी को लगता है कि वो अपने मंसूबों में कामयाब हो जाएंगे, तो उनका भ्रम है।
उनके आका भी दोनों सुन लें..
भारत और सनातन संस्कृति दोनों की आत्मा पर चोट करने की जो भी कोशिश करेगा… न संविधान उसे बख्शेगा, न जनता उन्हें स्वीकार करेगी।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 27, 2021
चूहों के बिल में अगर पानी डालो तो एक साथ छटपटा कर बाहर भागते हैं, अफरा तफरी मच जाती है।
राहुल गांधी जी ने देश के सामने ‘हिन्दू’ और ‘हिंदुत्ववादी’ का जबसे अंतर स्पष्ट किया है, हिंदुत्ववादियों की टोली में अफरा-तफरी मच गई है।
इन पाखंडियों की वर्षों की नफरत की दुकान बंद हो रही है। pic.twitter.com/QkiJo3RE4c
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 27, 2021
उल्लेखनीय है कि रायपुर के रावणभाठा मैदान में दो दिवसीय ‘धर्म संसद’ के अंतिम दिन हिंदू धार्मिक नेता कालीचरण महाराज ने अपने भाषण के दौरान राष्ट्रपिता के खिलाफ कथित ‘‘अपमानजनक’’ टिप्पणी की थी। उन्होंने लोगों से कहा था कि उन्हें धर्म की रक्षा के लिए एक कट्टर हिंदू नेता को सरकार के मुखिया के तौर पर चुनना चाहिए। इससे पहले, यति नरसिंहानंद गिरि ने गोडसे को सत्य और धर्म का प्रतीक बताते हुए उसकी प्रशंसा की थी।