ट्रंप के नाम रवीश का लेटरवा ‘लगता है ट्रंप को बिहार वाला भैक्सीन घोंपना पड़ेगा’

आदरणीय ट्रंप भाई,

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आप काहें बोले कि भारत की हवा मलिन है। गंदी है। अपने फ़्रेंड के कंट्री की हवा को अइसे बोलिएगा। दू दू जगह आपके फ़्रेंड आपका प्रचार किए आ आप बोल रहे हैं इंडिया का हवे ख़राब है। भक्त सब ऐही लिए हवन किया था कि ट्रंप अंकल को जीताओ आ आप फ़्रेंड के कंट्री के बारे में अइसे बोलें? मने हमको कुछ बूझते हैं कि नहीं। थोड़ा मिला-मिलु के नहीं बोल सकते थे, गोल गोल फ़्रेंड जइसन।

देख ए ट्रंप बाबू. ढेर डिबेट का शौक़ चढ़ल है न तो आ जाइये बिहार।आपके फ़्रेंड जाने वाले हैं। ऊहां भैक्सीन बाँटने वाले हैं। फिरी में बाँटेंगे। आठ करोड़ भैक्सीन फिरी में देंगे। हम बूझे कि सगरो फिरी बंटेगा लेकिन फ़्रेंड भाई का पलानिंग त आप जानते ही हैं। आपके ही जइसन है।

ट्रंप भैया, आप बिहार के होते न तो भैक्सीनवा सबसे पहिले आपको ही दिलवा देते। मोटका मोटका सुई लेले सब घूम रहीस है। जेन्ने बिहारी देखता है ओन्ने घोपे ला दउड़े लगता है। बिहारी लोग बूझ गया है। देखते ही भागे लगता है। बिहारी लोग त मिला लिया है न कि ई सब घोड़ा डागदर है। कउनो भैक्सीन नहीं है एकनी के पास। खऊरा का सुई कोरोना का बता के घोंप देगा। आपको भैक्सीन चाहिए त बोल दीजिएगा। आपको भी घोंपवा देंगे।

ग़ज़बे कर दिए हैं आपके फ्रैंड भी। ख़ाली सीरींज में पानी भर के बिहारियों को घोंपने जा रहे हैं कि सबसे पहिले तोहनिये के घोपेंगे। एहीसे कहते हैं ट्रंप जी, इंडिया के बारे में सोच समझ कर बोलें। बिहारी सब बमक जाएगा न तो भैक्सीनवा सबसे पहिए आपको ही घोंप देगा। लगिएगा बिलबिलाने । फ्रैंड के कंट्री के हवा को गंदा मत बोलिए। जेतना कार्बन आपका कंट्री पैदा करता है न ओतना त हम लोग सूंघ के साफ कर देते हैं। बूझे। बिहार में लोग ट्रंप-ट्रूंप को कुछ नहीं बूझता है। कोरोना को भी कोई कुछ नहीं बूझ रहा है। बाक़ी हवा त ख़राब है ही। दिल्ली में नाक में चिमनी खुल जाती है।

लेटरवा को ट्रांसलेट करा लीजिएगा। हाई फ़ाई इंग्लिश में लिखे हैं।

रवीश कुमार