अक्षय कुमार के नाम रवीश का पत्र, ‘आप,प्लीज़, इतिहासकार से वापस पत्रकार बन जाइये…’

अरबों से मुक़ाबला करने के लिए रवीश कुमार ने की अक्षय कुमार से अपील

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

आदरणीय अक्षय कुमार जी,

इतिहासकार, विश्व गुरु भारत,

राष्ट्र संकट में है और संकट की इस धड़ी में मैं आपको घड़ी-घड़ी याद कर रहा हूं। गोदी मीडिया के एक कुमार के कार्यक्रम के कारण भारत की साख को धब्बा पहुंचा है। इनके शो में कुछ ऐसी बातें कही गईं कि कुवैत और कतर में लोग नाराज़ हो गए हैं। वहाँ की सरकार नाराज़ हो गई है। वहाँ लोग भारतीय सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं। भारतीय राजदूतों को बुलकर पूछा-पाछी होने की ख़बरें पढ़ कर मैं केवल आपको याद कर रहा हूं।मुझे पता है कि आप तीन साल बाद किसी फिल्म में इसे घटना का बदला ज़रूर लेंगे लेकिन आपकी ज़रूरत इस वक़्त है।अभी है।

बीजेपी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। क़तर और कुवैत की आबादी से भी कई गुना इसके सदस्य होंगे फिर भी बीजेपी इन देशों की नाराज़गी से डर गई।अपने दो प्रवक्ता को निकाल दिया, जो इन दिनों मुग़लों के दौर का हिसाब बराबर करने में लगे थे। पूरी लड़ाई कंफ्यूज़न का शिकार हो गई है। पिछले कई दिनों से इतिहास में मुग़लों की करनी का बदला लेने के लिए प्रवक्ताओं  के  घोड़े छोड़ दिए गए थे, कथित धर्म गुरुओं को खुला छोड़ दिया गया था,लेकिन अरबी घोड़ों को देखते ही भाजपा ने प्रवक्ताओं को निकाल दिया। बताइये, ऐसा कहीं होता है। यह तो समर्थकों की भावना का अपमान है।

आख़िर जो देश ऐप डिलिट कर और फुलझड़ियों के बहिष्कार से चीन को डरा सकता है, वह देश अपने सामानों के बहिष्कार के डर से कतर और कुवैत से कैसे डर सकता है? do you get my point? आज भाजपा के समर्थक भ्रमित है। क्या वे पेट्रोल का इस्तेमाल नहीं छोड़ सकते? ट्रकों के टैंकर पर लिखा इराक का पानी मिटाकर गौमूत्र नहीं लिख सकते? साइकिल से नहीं चल सकते? पैदल नहीं चल सकते?  उनके भीतर त्याग की असीम संभावनाएं हैं मगर बीजेपी ने अपने प्रवक्ताओं को निकाल कर उन्हें कुंठित कर दिया है। जब आप बैक डेट में मुग़लों से बदला ले सकते हैं तो मुझे भरोसा है कि आप अरबों से भी बदला ले सकते हैं। यही वो बिन्दू है, जहां राष्ट्र संकट में नज़र आ रहा है।

आप कुमार नहीं होते तो मैं आपको पत्र नहीं लिखता। मैं जानता हूं कि एक कुमार ही कुमार की जगह ले सकता है। कुछ भी हो जाए, अभी देश को गोदी मीडिया की सख़्त ज़रूरत है तभी तो गोदी मीडिया को बचाने के लिए देश की छवि भी दांव पर लगाई जा रही है। महंगाई और बेरोज़गारी से त्रस्त जनता का दिमाग़ भोंथरा करने में इसकी ज़रूरत है। आपका भी अहम रोल है।

इस वक्त गोदी मीडिया को बचाना है। ये अगर पत्रकारिता करने लगेगा तो आप भी नहीं बच पाएंगे। गोदी मीडिया को अभी और प्रोपेगैंडा करना है। गोदी को ज़हर फैलाना ही है वर्ना गोदी का कोई रोल नहीं है। मालिक ने उसे यही टास्क दिया है। गोदी पत्रकारों को अब पत्रकारिता का पुरस्कार भी मिलने लगा है।इसलिए आप अवार्ड की चिन्ता न करें।फिल्म फेयर से ज़्यादा अवार्ड है यहां।

मेरी आपसे अपील है कि आप इतिहासकार का काम छोड़ दें। इतिहास आपको वैसे भी ठीक से याद रखेगा।इतिहास पढ़ाने का काम रिटायर्ड अंकिल लोग अपने व्हाट्स एप ग्रुप में आपसे कहीं बेहतर कर रहे हैं। वह भी फ्री में करते हैं। आप तो फिल्मों में काम करने के पैसे लेते होंगे। आप संपूर्ण गोदी मीडिया और हाफ गोदी मीडिया के समूह संपादक बन जाइये। इस वक्त गोदी जगत को नए कुमार की ज़रूरत है और मुझे अक्षय कुमार से बड़ा कुमार सूझ नहीं रहा है। काम वही करना होगा लेकिन नया चेहरा करेगा तो चेंज लगेगा। मैं भी कुमार हूं लेकिन मैं तो फेल हो चुका हूं। मेरी टीआरपी ज़ीरो है। यह मसला राष्ट्रहित का है इसलिए मैं अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर देश के बारे में सोच रहा हूं। आपसे बड़ा कुमार कोई कुमार नहीं है।

आप पत्रकार बनकर आएंगे तो आपके एक ही शो को हर चैनल पर एक साथ चलवाया जाएगा। सीज़न भी आम का है। आप जितना आम मांगेंगे, उतना खिलवाया जाएगा। अक्षय कुमार, आप,प्लीज़, इतिहासकार से वापस पत्रकार बन जाइये।

आपका

रवीश कुमार

दुनिया का पहला ज़ीरो टीआरपी ऐंकर