रवीश का लेखः गोदी मीडिया के न्यूज़ चैनल देखना अपना अपमान कराना है।

यह जानते हुए कि हमारे कहने से लोग न्यूज़ चैनल देखना बंद नहीं करेंगे। हम भी कहना बंद नहीं करेंगे। उसमें अब कुछ नहीं होता। पैसा और समय मत दीजिए। टीवी में रहकर ये बात बोलता हूँ। आर्यन ख़ान के मामले में भी आपने देख लिया। सत्ता ध्यान भटकाने के लिए किसी के बच्चे का इस्तेमाल कर सकती है। इस खेल में गोदी मीडिया का इस्तेमाल हो रहा है। यह कितना ख़तरनाक है। आप कोशिश कीजिए और देशहित में न्यूज़  चैनल देखना बंद कर दीजिए।

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चैनलों में रिपोर्टर नहीं हैं। जहां कहीं भी दो चार रिपोर्टर हैं वहाँ भी रिपोर्टिंग बंद है। रिपोर्टिंग नहीं होगी तब सूचना कहाँ से मिलेगी। आप ध्यान से देखेंगे तो समझ आ जाएगा कि केवल हंगामा है, सूचना ज़ीरो। इसलिए डिबेट है। किसी का बयान है। कोई घटना है। दो फ़ालतू और पालतू वक्ता हैं जो पक्ष और विपक्ष के नाम पर कुछ भी बोले जा रहे हैं। इन डिबेट को भी ध्यान से देखिए तो पता चलेगा कि कुछ नया नहीं मिलता है। चाहें आप पक्ष के हैं या विपक्ष के। गोदी मीडिया के न्यूज़ चैनल देखना अपना अपमान कराना है।

पत्रकारिता के नाम पर कचरा निर्माण में सहयोग न करें। गोदी मीडिया और हाफ़ गोदी मीडिया देखना बंद करो, यह मेरे द्वारा शुरू किया गया दुनिया का सबसे आसान और अहिंसक आंदोलन है। रोहित ने इस थीम पर शानदार एनिमेशन बनाया है। इस वीडियो को घर-घर पहुँचाने में मदद करें। भारत को शर्मिंदा होने से बचाएँ। गोदी मीडिया को भगाएँ।