रवीश का लेख: भारत ने दिखा दिया कि महंगाई शत्रु नहीं है। बल्कि महंगाई की बात करने वाला विपक्ष शत्रु समान है।

क्या आप इसका मतलब समझते हैं? अगर समझते हैं तो आपको ख़ुद पर गर्व होना चाहिए। मार्च 2021 से हर महीने महंगाई की दर दो अंकों में रही है। यह बहुत ज़्यादा है। आपने इसे झेला है।मज़ाक़ नहीं है। 1999 के जैसी महंगाई का मुक़ाबला किया है। उदारीकरण के इन बीस वर्षों में जितना भी कमाया या बनाया, उसका बड़ा हिस्सा निकल गया होगा। क्या ऐसा हो सकता है कि लोगों की आर्थिक हालत भी पीछे चली गई है?

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शहर में घूमते वक़्त ऐसा नहीं लगता।ख़ासकर शादी ब्याह के इंतज़ामों को देखकर कभी नहीं लगता कि लोगों के पास पैसे की कमी है। आई टी सेक्टर में ज़बरदस्त सैलरी मिल रही है। टर्म बीमा की बिक्री बढ़ रही है। कारें बिक रही हैं। लोग बढ़ी हुई फ़ीस दे रहे हैं। थोड़े बहुत हैं जो ना-नुकर कर रहे हैं मगर बाक़ी लोग तो आराम से दे ही रहे हैं। कोई शिकायत करता नहीं दिखता कि महंगाई से टूट गए हैं। लोग परेशान हैं मगर हाय-हाय नहीं कर रहे हैं। सब्र और बहादुरी से महंगाई का मुक़ाबला कर रहे हैं। यह बड़ी बात है। लाखों-करोड़ों लोग अपने अनुभवों को कहां और किस तरह दर्ज कर रहे हैं, जानना मुश्किल है। इसलिए अंदाज़ ही लगा सकते हैं कि महंगाई परेशान तो कर रही है लेकिन महामारी की तरह परेशान नहीं कर रही है।

May be a Twitter screenshot of 1 person and text that says "Apr19 Kaushik B... @kaushikcb. India's wholesale price inflation rose to an alarming 14.55% in March What's worrying is that this is not a one-time spike. Since Marc 2021 wholesale price inflation each month has been in double digits. This is the highest since 1999. 155 3,075"

यह कमाल का दौर है तभी कौशिक बसु जैसे प्रोफ़ेसर महंगाई का डेटा ट्विट कर रहे हैं और किसी को फ़र्क़ नहीं पड़ रहा है। भारत ने दिखा दिया है कि महंगाई शत्रु नहीं है। बल्कि महंगाई की बात करने वाला विपक्ष भी उसके लिए शत्रु समान है।

इंडोनेशिया में क्या हुआ?

सब जगह तेल के दाम बढ़ रहे हैं। अर्जेंटीना ने अपने लोगों को बचाने के लिए सोया तेल के निर्यात पर रोक लगा दिया है। अब इंडोनेशिया ने एलान किया है कि वह पाम ऑयल का निर्यात नहीं करेगा। भारत में दोनों तेल की ख़ूब खपत है। आपको याद होगा कि जब सरसों तेल के दाम बढ़े थे तब पाम ऑयल खाने के लिए कहा जा रहा था, उसकी आपूर्ति बढ़ाई गई थी, लेकिन अब इसका निर्यात बंद होगा तो भारत पर बुरा असर पड़ेगा।

लोग सरसों तेल की तरफ़ भागेंगे और दाम बढ़ने लगेंगे। पहले से ही दाम बढ़े हुए हैं और अब इंडोनेशिया के कारण भी बढ़ेंगे। बेहतर है कि आप तेल का उपभोग भी थोड़ा सा ही करें। इससे स्वास्थ्य लाभ होगा। कई लोग कम तेल में पकाने के विशेषज्ञ होते हैं, उनसे संपर्क करें। आप इस महंगाई का मुक़ाबला शानदार तरीक़े से कर लेंगे।

बहुमत के नाम पर बाहूबल

बहुमत के नाम पर बाहुबल की यह राजनीति चालाकी से क़ानून का सहारा ले रही है, जबकि सबको पता है इस देश का प्रशासन क़ानून के नाम पर आम लोगों के साथ क्या करता है। सिर्फ़ एक दिन बुलडोज़र मिडिल क्लास के इलाक़े की तरफ़ मुड़ जाए तो क़ानून के नाम पर नाचने वाले थम जाएँगे।

आज अगर दिल्ली में बीजेपी के ही पार्षदों और कार्यकर्ताओं के घरों की ऑडिट हो जाए तो पता चलेगा क्यों सब अपना घर छोड़ ग़रीब के घर गिराने पर जश्न मना रहे थे।

(लेखक जाने माने पत्रकार एंव ऐंकर हैं,यह लेख उनके फेसबुक पेज से लिया गया है)