सूमी में फँसे भारतीय छात्रों के लिए प्रार्थना कीजिए। इस समय रूस पागल हो गया है। रात अंधेरे में उसके विमान धुआँधार बम गिरा रहे हैं। बंकर में हमारे आपके घरों के लड़के दहशत में हैं। उम्मीद खो रहे हैं। बेहोश हो रहे हैं। कई दिनों से पूरा खाना भी नहीं खाया। प्रधानमंत्री ने प्रचार की हर सीमा पार कर दी है। दो दिन से ऑफ रिकार्ड ख़बर ही देख रहा हूँ कि रूस से बात हो गई है । वह सूमी में फँसे छात्रों को निकलने का रास्ता देगा। उल्टा वहाँ बम गिर रहा है। बच्चों का क्या होगा। प्रार्थना कीजिए।
भगवान शिव इस देश को सुबुद्धि और सद्गति दें।
28 फ़रवरी को हर जगह न्यूज फ़्लैश कर रहा था कि मोदी सरकार अपने मंत्रियों को भारतीय छात्रों की मदद के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेज रही है। मोदी जी हालात पर नज़र बनाए हुए हैं। ऐसी खबरें से लगा होगा कि विदेश मंत्रालय का टेबल कुर्सी तक काम में लगा होगा। इतनी व्यस्तता के बीच चुनाव के लिए समय निकालने वाले केवल प्र म मोदी अकेले नहीं हैं। विदेश राज्य मंत्री के लिए कितना मुश्किल रहा होगा दिल्ली से कोयंबटूर स्थित सद्गुरु के आश्रम में मिट्टी के लिए वक्त निकालना। वरना मोदी जी इन्हें भी किसी देश में जाकर ऑपरेशन गंगा सँभालने का काम दे सकते थे। इससे साबित होता है कि सरकार बहुत मेहनत कर रही है।
भारतीय छात्रों के विषय को छोड़ कोयंबटूर जाकर सद्गुरु से मिट्टी की गुणवत्ता पर बात करने का वक्त निकलना बड़ी बात है। 28 फ़रवरी के ट्विट में मंत्री जी ने केवल मिट्टी की बात की है। विदेश राज्य मंत्री आश्रम प्रमुख को भविष्य के लिए मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार का आइडिया दे रही थीं। यूक्रेन में फँसे छात्रों के लिए भी इनके पास आइडिया होगा लेकिन लगता है वो मिट्टी में मिल गया होगा। कमाल की सरकार है और कमाल का देश।
कर्नाटक के छात्र नवीन की मौत पर इन्होंने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के ट्विट को retweet किया है। अपनी तरफ़ से दो शब्द नहीं लिखा गया। हम समझ सकते हैं इस वक्त पूरा विदेश मंत्रालय कितना काम कर रहा है। विदेश राज्य मंत्री मिट्टी बचा रही हैं। हज़ारों माँ बाप को इस ट्विट से संतोष होना चाहिए और गर्व भी।
भगवान शिव इस देश को सुबुद्धि और सद्गति दें। आप सभी को महाशिवरात्रि की फिर से शुभकामनाएँ। भगवान शंकर की तरह विष का पान तो सबको करना होगा।
हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली का आंदोलन तेज हुआ
हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारी और शिक्षक पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन कर रहे हैं। पेंशन की पुरानी व्यवस्था लागू होनी चाहिए। सभी को इसका समर्थन करना चाहिए। मुझे तो कोई भी सरकार पेंशन देगी मैं ले लूँगा। वैसे सरकारी सेवा में नहीं हूँ तो कोई नहीं देगी लेकिन तब भी इस बात के हक़ में हूँ कि सरकारी कर्मचारी को पेंशन मिलना चाहिए। हिमाचल सरकार को डराने की जगह लागू करने की व्यवस्था करनी चाहिए। आप कर्मचारियों को डरा नहीं सकते। पेंशन लागू करें।
(लेखक जाने माने पत्रकार एंव ऐंकर हैं, यह लेख उनके फेसबुक पेज से लिया गया है)