मेरठ के ज़ैदी फार्म कॉलोनी निवासी फरहा और मेरठ के ही शास्त्रीनगर निवासी नमन एक दूसरे से प्रेम करते थे। नमन, फरहा को लेकर भाग गया, दोनों ऋषिकेश पहुंच गए, इधर मेरठ में बजरंगदल के लोगों ने हंगामा शुरु कर दिया कि फरहा के परिजनों ने नमन का अप्रहण कराया है। पुलिस ने छान बीन की तो पता चला कि दोनों ने भागगकर ऋषिकेश के एक मंदिर में शादी कर ली है। पुलिस दोनों को मेरठ ले आई। फरहा ने स्वीकार किया कि उसने नमन से शादी करने के लिये धर्म बदला है, वह बालिग है और अपने पति नमन के साथ ही रहना चाहती है। पुलिस ने इस प्रेमी युगल को सुरक्षा भी मुहैय्या करा दी। यह एक मामला है, यहां तथाकथित ‘लव जिहाद’ यानी ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण क़ानून का चाबुक नहीं चलाया गया।
#Moradabad_update
On Sunday, @joerwallen & I broke the story of Pinky’s miscarriage for @Telegraph. Today Pinky’s husband Rashid and brother Salim were released from jail. Now the question arises that who misuse new Law? Bajrangdal? If yes, Will they be punished?#Love_Jihad pic.twitter.com/z18ItTVCsL— Mohammad Sartaj Alam (@SartajAlamIndia) December 19, 2020
अब दूसरा मामला देखिए, यह मामला मुरादाबाद का है। मुरादाबाद के कांठ का रहने वाला राशिद देहरादून में काम करता था, वहीं पर बिजनौर की रहने वाली पिंकी भी काम करती थी, दोनों में दोस्ती बढ़ी और प्यार हो गया। यह प्यार इतना बढा की शादी की दहलीज़ तक पहुंचा और दोनों ने कोर्ट में शादी कर ली। पिंकी ने राशिद से शादी करने के लिये धर्मांतरण किया और मुस्कान बन गई। दोनों मुरादाबाद आए तो बजरंगदल समेत हिंदुवादी संगठनों ने तथाकथित ‘लव जिहाद’ का शोर मचाकर हंगामा कर दिया। पुलिस ने राशिद को उसके भाई समेत गिरफ्तार किया, और फिर जेल भेज दिया, जबकि मुस्कान को आश्रय गृह भेज दिया। मुस्कान ने बताया कि आश्रय गृह में उसे इंजेक्शन दिया गया, जिसके बाद उसे ब्लीडिंग शुरु हो गई। इस ब्लीडिंग का नतीजा यह हुआ कि मुस्कान ने अपनी कोख में पल रहा बच्चा दुनिया में आने से पहले ही गंवा दिया। उधर उसका पति राशिद जेल में, और उसके परिवार मानसिक उत्पीड़न अलग होता रहा।
मुरादाबाद की वह ‘मुस्कान’ (बदला हुआ नाम) जिसका ‘गुनाह’ इतना था कि उसने अंतरधार्मिक शादी की थी. अब उसका पति ‘लव जिहाद’ के आरोप मे जेल मे है और उसकी पत्नी ने अपनी कोख मे पल रहा बच्चा गंवा दिया है। @SartajAlamIndia @joerwallen ने @Telegraph के लिये यह ‘स्टोरी’ की थी, अब आप खुद सुनें pic.twitter.com/3je3rkMZkX
— Wasim Akram Tyagi (@WasimAkramTyagi) December 15, 2020
यह महज़ इत्तेफाक़ ही है कि आज ही धर्म बदलकर फरहा से माही बनकर नमन नाम के युवा से शादी करने वाले प्रेमी युगल को उत्तर प्रदेश पुलिस पुलिस द्वारा सुरक्षा दी गई है, और आज ही पिंकी से शादी करने वाला राशिद हफ्तों तक जेल में रहने के बाद जेल से रिहा हुआ है। यह कैसा भेदभाव है? और क्यों है? क्या इस देश का तंत्र बजरंगदल जैसे संगठनों के दबाव में काम करता है? या पुलिस तंत्र, प्रशासन में भी वही मानसिकता है जैसी बजरंगदल के लोगों की मानसिकता है? राशिद और मुस्कान ने अंतरधार्मिक विवाह करने के ‘जुर्म’ में जो यातनाएं झेलीं हैं उसका ज़िम्मेदार कौन है? दोनों ने अपना बच्चा गंवा दिया उस मासूम की मौत का गुनहगार कौन है? फरहा से माही बनकर नमन से शादी करने वाले प्रेमी युगल को सुरक्षा प्रदान करने वाला तंत्र पिंकी से मुस्कान बनकर राशिद से शादी करने वाले प्रेमी युगल के लिये दोगला क्यों है? क़ानून है तो समान व्यवहार क्यों नहीं करता? खुल्लम खुल्ला एक ही क़ानून चेहरा, धर्म, जाति, संप्रदाय देखकर दोगला व्यवहार कर रहा है। इसके ज़िम्मेदार कौन हैं? या यही भारतीय लोकतंत्र की ‘ख़ूबसूरती’ है?
(लेखक युवा पत्रकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं)