राकेश टिकैत बोले, ‘सिर्फ एक ही समुदाय के लोगों के ख़िलाफ बुलडोजर कार्रावाई देश के भविष्य के लिए बेहद खतरनाक’

मुजफ्फरनगर: दिल्ली के जहांगीरपुरी में बुलडोजर कार्रवाई को लेकर भारतीय किसान यूनियन राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से एक धर्म विशेष के लोगों के ऊपर बुलडोजर कार्रवाई हो रही है। वो देश के भविष्य के लिए बेहद खतरनाक है। ऐसी घटनाओं से इंटरनेशनल लेवल पर हिंदुस्तान की बदनामी हो रही है। अभी तो एक ही बुलडोजर चला है लेकिन दिल्ली में जब चार लाख ट्रैक्टर चले थे, तब ये लोग लोग घबरा गए थे।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने किसानों को चेतावनी देते हुए तीन महीने के अंदर दस साल पुराने ट्रैक्टर बंद करने को कहा है। भारतीय जनता पार्टी में ज्यादातर मंत्री किसान हैं। वे पहले अपने दस साल पुराने ट्रैक्टर सरेंडर करें। बहुत जल्दी, ट्रैक्टर सड़कों पर आएंगे। ट्रैक्टर-बुलडोजर का आमने सामने का मुकाबला होगा। किसान लीडर राकेश टिकैत शुक्रवार को किसानों की जमीन नीलामी के मामले को लेकर डीएम से मिले। मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिस तरह से एक धर्म विशेष के लोगों को परेशान किया जा रहा है और इस बात का इंटरनेशनल स्तर पर एक गलत संदेश जा रहा है।

May be an image of 1 person and text

ट्रू स्टोरी के मुताबिक़ उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में तो सभी लोग बाहर से आए हुए हैं उनके बड़े भी तो जर्मनी से आए थे। अयोध्या में जन्म स्थल था उससे पहले कहीं और से आए थे। उन लोगों की जांच करो जो लोग बाहर से आए हैं। ये तो एक राजनीतिक इश्यू चल रहा है। कचहरी के बाहर कहीं के भी कागज या आईडी बनवा लो। इस तरह की घटनाओं से देश का विकास रुकता है और इस तरह की घटनाओं से आपस में नफरत फैलती है। संप्रदायिक घटनाएं होती हैं। इन चीजों को छोड़कर सभी को अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। बहुत महंगाई का जमाना है।

राकेश टिकैत ने कहा कि बुलडोजर चलने से विकास होता है। बुलडोजर रास्तों को सही करने के लिए चलना चाहिए। जिस अधिकारी के कार्यकाल में अतिक्रमण हुआ है उन अधिकारियों की भी जांच होनी चाहिए। जिससे आगे अतिक्रमण ना हो। अब तो बुलडोजर का ही सहारा है। संविधान तो अलमारी में बंद है। केन्द्रीय राज्यमंत्री का बेटा जेल से रिहा हुआ और आज फिर जा सकता है जेल।

राकेश टिकैत ने कहा कि 10 साल पुराने ट्रैक्टरों पर भी पॉलिसी आ गई है कि उन्हें जमा कर दो। पहले जो सरकार के 10-20 साल पुराने लोग हैं। पहले वह अपने ट्रैक्टर सरेंडर कर दें। आगे जनता बाद में देख लेगी। बुलडोजर तो एक ही चला है। ट्रैक्टर तो चार लाख चले थे। दिल्ली में उनसे बड़े घबराए थे। दिल्ली में होगा कभी ना कभी बुलडोजर और ट्रैक्टर का मुकाबला। सरकार कह रही है कि ट्रैक्टरों को बंद कर दो तो यह भी आएंगे सड़कों पर।