नई दिल्लीः आगामी 10 जून को राज्यसभा की 57 सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर सियासी उठापटक के बीच भारतीय जनता पार्टी के मुस्लिम नेताओं के दिल की धड़कनें भी तेज़ हो गई हैं। दरअसल, भाजपा के तीन मुस्लिम नेताओं का राज्यसभा का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्यमंत्री एवं राज्यसभा के उपनेता मुख्तार अब्बास नक़वी पूर्व विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर और सैयद ज़फ़र इस्लाम का राज्यसभा कार्यकाल पूरा हो रहा है।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी को राज्यसभा सांसद बनाए जाने पर पार्टी आलाकमान के सामने कई विकल्प उभरे हैं। पार्टी के कई नेता मुख्तार अब्बास नक़वी को रामपुर से लोकसभा का उप-चुनाव लड़वाने के पक्ष में हैं जबकि कुछ नेता उन्हें पार्टी संगठन में भेजने के पक्ष में दिख रहे हैं। बता दें कि आज़म ख़ान द्वारा लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा देने के बाद रामपुर सीट पर लोकसभा उपचुनाव होना है, चूंकि मुख्तार अब्बास नक़वी रामपुर से ही संबंध रखते हैं, इसलिये माना जा रहा है कि नक़वी को पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है। वहीं, राज्यसभा में दोबारा भेजे जाने के लिए ज़फर इस्लाम का पक्ष भी काफ़ी मज़बूत दिख रहा है।
सूत्रों की मानें तो मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराने और भाजपा की सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाने और प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से नज़दीकी का लाभ ज़फर इस्लाम को मिल सकता है। हालांकि, पार्टी का मौजूदा नेतृत्व कब और क्या फ़ैसला कर ले इसकी किसी को भनक तक नहीं लग पाती। यह भी माना जा रहा है, भारतीय जनता पार्टी का आलकमान चौंकाने वाला निर्णय लेते हुए किसी नए चेहरे को राज्यसभा भेज सकता है।