नयी दिल्ली: भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चल रही तनातनी के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन साथ ही वह देश को आश्वस्त करना चाहते हैं कि सेना एक इंच जमीन भी दूसरे के हाथ में नहीं जाने देगी।
पूर्वी सेक्टर की दो दिन की यात्रा पर गये राजनाथ सिंह ने शनिवार को 33 वीं कोर के मुख्यालय में स्थिति और सैन्य तैयारियों की समीक्षा के बाद कहा , “ त्रिशक्ति कोर ने जो भूमिका निभाई है चाहे वह 62 रहा हो 67 रहा हो या 71 हो इसकी जितनी भी प्रशांस की जाये वह कम है। यदि आज इस स्थान पर खड़े रहकर हम बात कर रहे हैं तो इसका श्रेय यदि किसी को दिया जा सकता है तो यह हमारी त्रिशक्ति को दिया जा सकता है। इसके बहादुर जवानों को दिया जा सकता है। कई बहादुर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया है।”
उन्होंने कहा, “ इस समय भारत और चीन की सीमा पर जो तनाव चल रहा है, भारत चाहता है कि यह समाप्त हो, शांति स्थापित हो, उद्देश्य हमारा यह है लेकिन कभी कभी कुछ ऐसी नापाक हरकतें होती रहती हैं। मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं और मुझे पूरा भरोसा है कि किसी भी सूरत में हमारी सेना भारत की एक इंच ज़मीन भी दूसरे के हाथ में नहीं जाने देगी।”
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के जवानों से भेंट करके मुझे हमेशा बेहद ख़ुशी होती है। उनका मनोबल बहुत ऊँचा रहा है, इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। उन्होंने कहा, “ हाल फिलहाल लद्दाख में भारत और चीन सीमा पर जो कुछ हुआ है उस पर निश्चित जानकारी के आधार पर मैं यह कह सकता हूं कि हमारे जवानों ने जिस तरह की भूमिका का निर्वहन किया है आगे यदि इतिहास लिखा जायेगा तो इतिहासकार जवानों की शौर्य गाथा को स्वर्ण अक्षरों में लिखेंगे।” राजनाथ सिंह दशहरे के मौके पर जवानों के साथ शस्त्र पूजा भी करेंगे।