Latest Posts

राजीव गांधी के हत्यारे पेरारिवलन को मिली ज़मानत

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे ए.जी. पेरारिवलन को बुधवार को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की पीठ ने कैद के दौरान 47 वर्षीय पेरारिवलन के ‘अच्छे आचरण’, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं एवं अन्य पहलुओं पर गौर करते हुए उसकी जमानत अर्जी स्वीकार की। शीर्ष अदालत ने याचिका मंजूर करते हुए स्पष्ट तौर पर कहा है कि जमानत निचली अदालत द्वारा निर्धारित शर्तों के आधार पर दी जाएगी। वह फिलहाल पैरोल पर है।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

पीठ ने पेरारिवलन के 30 वर्षों से अधिक समय तक जेल में कैद रहने तथा पैरोल पर तीन बार रिहा किये जाने के दौरान किसी प्रकार की शिकायत नहीं मिलने के तथ्यों पर गौर करने की गुहार को जमानत का आधार बनाया। जमानत पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज ने उसकी याचिका का जोरदार विरोध किया। उन्होंने कहा कि आरोपी को पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के मामले में फांसी की सजा दी गई थी हालांकि, अदालत ने 2014 में उसे राहत देते हुए पहले ही उसकी फांसी की सजा उम्र कैद में बदल दी है।

कांग्रेस पार्टी के नेता राजीव गांधी की हत्या 21 मई 1991 को तमिलनाडु में चेन्नई के करीब श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी सभा के दौरान आत्मघाती विस्फोट में की गई थी। देश को हिलाकर रख देने वाली इस घटना में पूर्व प्रधानमंत्री के अलावा करीब 14 अन्य की मृत्यु हो गई थी। आत्मघाती महिला की पहचान धनु के तौर पर हुई थी। हत्याकांड में पेरारिवलन समेत आधा दर्जन से अधिक लोगों पर मुकदमे चलाए गए थे।

राजीव गांधी की हत्या के दोषियों में टी सुथेंद्रराजा उर्फ ​​संथम, वी श्रीहरन उर्फ ​​मुरुगन, पेरारिवलन उर्फ ​​अरिवु, जयकुमार, रॉबर्ट पायस, पी रविचंद्रन और नलिनी ढाई दशकों से अधिक समय से जेल में हैं। पीठ ने पेरारिवलन की सजा माफी के राज्य सरकार के प्रस्ताव संबंधी सिफारिश राज्यपाल द्वारा करीब दो साल पांच महीने बाद भेजने के विवेक पर भी सवाल खड़ा किया। पिछले साल फरवरी में केंद्र सरकार ने अदालत को सूचित किया था कि तमिलनाडु के राज्यपाल ने राष्ट्रपति को राज्य सरकार की ओर से पेरारिवलन को माफी देने का अनुरोध भेजा है।

केंद्र सरकार ने हालांकि 2018 में ही तमिलनाडु सरकार के सजा माफी प्रस्ताव को अनुचित करार दिया था। केंद्र ने इस हत्याकांड में सात दोषियों को रिहा करने के सरकार के प्रस्ताव से यह कहते हुए असहमति व्यक्त की थी कि सजा की छूट एक “खतरनाक मिसाल” स्थापित करेगी और इसका “अंतरराष्ट्रीय प्रभाव” पड़ेगा। केंद्र ने इस संबंध में शीर्ष अदालत को जानकारी दी थी।

तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 की उनके अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। बाद में उनके पुत्र राजीव गांधी को प्रधानमंत्री बनाया गया था। करीब 40 साल की उम्र में प्रधानमंत्री का पद संभालने वाले राजीव गांधी सबसे कम उम्र के नेता थे।