नयी दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नोट बंदी लागू करने का फैसला जानबूझ के लिया था और इसके जरिये उनका मकसद अपने चंद पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाना था। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चार साल पहले आज के ही दिन की गई नोटबंदी की घोषणा को राष्ट्रीय त्रासदी बताया और कहा कि इसके माध्यम से उन्होंने चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने का काम किया और पूरे देश को गहरे संकट में डाल दिया था।
उन्होंने ट्वीट किया “नोटबंदी प्रधानमंत्री की सोची समझी चाल थी ताकि आम जनता के पैसे से ‘मोदी-मित्र’ पूँजीपतियों का लाखों करोड़ रुपय क़र्ज़ माफ़ किया जा सके। ग़लतफ़हमी में मत रहिए- ग़लती हुई नहीं, जानबूझकर की गयी थी। इस राष्ट्रीय त्रासदी के चार साल पर आप भी अपनी आवाज़ बुलंद कीजिए।” गौरतलब है कि नोटबंदी के चार साल पूरे होने के मौके पर कांग्रेस आज मोदी सरकार के खिलाफ देशभर में विश्वासघात दिवस मना रही है और इसके लिए डिजिटल अभियान चला रही है।
दिग्विजय ने भी साधा निशाना
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने आज आरोप लगाते हुए कहा कि नोटबंदी सोची समझी चाल थी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट के जरिए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने सही कहा था कि नोटबंदी देश का सबसे बड़ा घोटाला साबित होगा। नोटबंदी के चार साल बाद बाजार में नोटों के प्रचलन (सर्कुलेशन) में लगभग 50 प्रतिशत इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह राशि लगभग सात-आठ लाख करोड़ रुपए बनती है और यह कहां है। नोटबंदी लागू करने के आज चार वर्ष पूरे हो गए हैं।