नयी दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि विदेश नीति को लेकर मोदी सरकार जो रणनीतिक गलतियां कर रही है उसका खामियाजा देश को भुगतना पड़ेगा। राहुल गांधी ने ट्विट किया, “ इस सरकार की रणनीतिक गलतियां बहुत महंगी साबित होंगी।”
कांग्रेस नेता ने इसके साथ ही कुछ अखबारों में छपी खबरें भी पोस्ट की है जिनमें एक अखबार ने लोकसभा में राहुल गांधी के बयान को उद्धृत करते हुए कहा है कि मोदी सरकार की रणनीतिक गलतियों के कारण चीन और पाकिस्तान एक साथ आ गए है। एक दूसरी खबर में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहते है कि चीन के साथ भारत के सम्बन्ध बहुत कठिन दौर से गुजर रहे है।
उन्होंने एक और खबर पोस्ट की है जिसमे सवाल किया गया कि क्या चीन की मदद से पाकिस्तान रूस में पुल का निर्माण करेगा।इस सवाल पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हां बोलते हैं और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। इसी में एक और खबर दी गई है जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान और रूस के बीच बढ़ते संबंध वैश्विक स्तर पर नए समीकरण पैदा कर रहे है।
यूक्रेन संकट पर ब्लिंकन ने जयशंकर से की बात
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने यूक्रेन संकट पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर बात की। ब्लिंकन ने गुरुवार को एक ट्वीट कर कहा कि यूक्रेन पर रूस का हमला अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों का स्पष्ट रूप से उल्लंघन है। उन्होंने कहा, ‘डा.जयशंकर से आज यूक्रेन संकट और रूस के हमले के संदर्भ में बातचीत की। यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर रूस का हमला अंतर्राष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है।’
क्या कहता है यूएन
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन में एक विशेष सैन्य अभियान की घोषणा किये जाने को ‘‘अपने कार्यकाल का सबसे दुखद क्षण’’ करार दिया है। पुतिन ने बृहस्पतिवार को पूर्वी यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान की घोषणा की। उन्होंने दावा किया इस कदम का मकसद नागरिकों की रक्षा करना है।
टेलीविजन पर एक संबोधन में पुतिन ने कहा कि यूक्रेन से उत्पन्न खतरों के जवाब में रूस ने वहां एक विशेष सैन्य अभियान शुरू करने का कदम उठाया है। उन्होंने अन्य देशों को भी चेतावनी देते हुए कहा कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ‘‘ ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखे होंगे।’’ गुतारेस ने कहा ,‘‘ संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के मेरे कार्यकाल में यह दुखद क्षण है। मैंने सुरक्षा परिषद की इस बैठक की शुरूआत राष्ट्रपति पुतिन को संबोधित करते हुए और उन्हें यह कहते हुए की कि अपने सैनिकों को यूक्रेन पर हमला करने से रोकें, शांति का रास्ता चुने क्योंकि पहले ही काफी लोगों की जान जा चुकी है।’’
उन्होंने कहा कि यह बैठक चल रही थी कि पुतिन ने डोनबास में ‘विशेष सैन्य अभियान’ की घोषणा की। महासचिव ने कहा,‘‘ इस वर्तमान परिस्थिति में मुझे अपनी अपील बदलनी होगी।’’ उन्होंने कहा,‘‘ मुझे कहना पड़ेगा राष्ट्रपति पुतिन: मानवता के नाम पर रूस में अपने सैनिकों को वापस लाइए। मानवता के नाम पर यूरोप में इसे शुरू करने की अनुमति नहीं दीजिए, जो सदी की शुरुआत के बाद से सबसे भयावह युद्ध हो सकता है, जिसके परिणाम न केवल यूक्रेन के लिए विनाशकारी हैं, न केवल रूसी संघ के लिए दुखद हैं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए दुखदायी हैं।