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शामली में कृषि कानून के खिलाफ किसान पंचायत में उमड़ा जन सैलाब, धरी रह गई धारा 144

शामलीः प्रशासन के इनकार के बावजूद बड़ी संख्या में किसान महापंचायत के लिए शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शामली में इकट्ठा हुए. दरअसल, गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को महापंचायत करने की अनुमति देने से मना कर दिया था. इसके बावजूद किसान महापंचायत के लिए बड़ी संख्या में अन्नदाता यहां एकत्र हुए. जिला प्रशासन ने कोविड-19 से जुड़े प्रतिबंधों का हवाला दिया था।

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शामली जिला प्रशासन ने कोविड-19 के चलते अप्रैल तक बड़े समारोह पर लगी रोक और किसानों द्वारा ‘अनुशासनहीन व्यवहार की संभावना’ का हवाला दिया. हालांकि, भारतीय किसान यूनियन (BKU) और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) समेत आयोजकों ने कहा कि वे पीछ नहीं हट सकते।

भीड़ एकत्र होने से रोकने के लिए लगाई जाने वाले धारा 144 को लेकर राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के नेता जयंत चौधरी ने ट्वीट में कहा, “144 कारणों की वजह से मैं कल शामली जाऊंगा.” आज सुबह किसानों के समूहों को शामली की ओर जाता देखा गया और कई लोग ट्रैक्टर पर सवार होकर मैदान में पहुंचे. इस दौरान इंकलाब जिंदाबाद के नारे सुनाई दिए।

बता दें कि 26 जनवरी को किसान आंदोलन में होने वाली हिंसा के बाद से किसान आंदोलन में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने जान फूंकी है। राकेश ने मीडया के सामने रोते हुए भाजपा पर धोखा देने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि मैंने भाजपा को वोट दिया और आज उन्हीं ने मेरे साथ धोखा किया। इसके बाद से पश्चिमी यूपी हरियाणा से बडी संख्या में किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे। अब किसान आंदोलनकारी नेता देश में अलग-अलग जाकर पंचायतें कर रहे हैं।