लखनऊ: चोरी के आरोप में पूछताछ के दौरान पुलिस हिरासत में मृत सफाईकर्मी अरूण वाल्मीकि के परिजनो से मिलने आगरा जा रही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को आगरा एक्सप्रेस वे पर रोका गया जिससे आक्रोशित कांग्रेसियों ने जमकर नारेबाजी की।
प्रियंका ने पुलिस के रवैये की आलोचना करते हुये ट्वीट किया “अरुण वाल्मीकि की मृत्यु पुलिस हिरासत में हुई। उनका परिवार न्याय मांग रहा है। मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं। उप्र सरकार को डर किस बात का है। क्यों मुझे रोका जा रहा है। आज भगवान वाल्मीकि जयंती है, पीएम ने महात्मा बुद्ध पर बड़ी बातें की, लेकिन उनके संदेशों पर हमला कर रहे हैं।”
विधानसभा चुनाव से पहले सड़क पर उतर कर कांग्रेस में प्राण फूंकने की लगातार कोशिश कर रही श्रीमती वाड्रा ने आगरा की घटना की आज सुबह भर्त्सना करते हुये राज्य की योगी सरकार को एक बार फिर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घेरा। उन्होने ट्वीट किया “ किसी को पुलिस कस्टडी में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है। आगरा पुलिस कस्टडी में अरुण वाल्मीकि की मौत की घटना निंदनीय है। भगवान वाल्मीकि जयंती के दिन उप्र सरकार ने उनके संदेशों के खिलाफ काम किया है। उच्चस्तरीय जांच व पुलिस वालों पर कार्रवाई हो व पीड़ित परिवार को मुआवजा मिले।”
इसके बाद कांग्रेस महासचिव ने आगरा जाने का फैसला किया और पूर्व प्रत्याशी प्रमोद कृष्णनन के साथ आगरा के लिये रवाना हो गयी। कांग्रेस के सूत्रों का कहना था कि पार्टी महासचिव पुलिस हिरासत में जान गँवाने वाले सफाईकर्मी की माँ एवं परिजनों मुलाकात करेंगी। अभी वह आगरा एक्सप्रेस के इंट्री प्वाइंट पर पहुंची थी कि पुलिस ने उनके काफिले को रोक लिया।
काफिले को रोके जाने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुयी। पुलिस का कहना था कि आगरा में तनाव भरे हालात के बीच श्रीमती वाड्रा का जाना उचित नहीं होगा मगर कांग्रेस महासचिव जाने पर अड़ी रही। आखिरकार पुलिस अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि आगरा में सफाईकर्मी के अंतिम संस्कार के बाद काफिले को जाने की इजाजत दे दी जायेगी।
समाचार लिखे जाने तक कांग्रेसी आगरा एक्सप्रेसवे के इंट्री प्वाइंट पर डटे हुये थे। पार्टी में मीडया विभाग के ललन कुमार ने बताया कि पुलिस अधिकारियों ने एक घंटे बाद काफिले को जाने की इजाजत देने का आश्वासन दिया है। काफिले में 100 से अधिक वाहन शामिल हैं।
गौरतलब है कि आगरा के जगदीशपुरा क्षेत्र में चोरी के आरोप में पकड़े गये सफाईकर्मी की मंगलवार रात पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। जगदीशपुरा थाने के मालखाने में शनिवार रात को दरवाजे तोड़कर 25 लाख रुपये चोरी कर लिए गए थे। घटना के अगले दिन इंस्पेक्टर अनूप कुमार तिवारी समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। इस मामले में अज्ञात चोरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की जिसमें सामने आया कि चोरी की घटना के बाद निजी सफाईकर्मी अरुण वाल्मिकी थाने में नहीं आ रहा है।
पुलिस ने उसके घर में दबिश दी तो वह लापता मिला। मंगलवार को पुलिस ने सफाईकर्मी को ताजगंज क्षेत्र से हिरासत में ले लिया। उससे पूछताछ के दौरान सफाईकर्मी की हालत बिगड़ गई। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी के मुताबिक सफाईकर्मी चोरी का अपराध स्वीकार कर लिया था कि देर रात उसकी तबियत बिगड़ गई और उपचार के दौरान मौत हो गई।