लखनऊः कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ‘जिम्मेदार कौन’ के नाम से अभियान शुरू किया है। अभियान के तहत वे जनता की तरफ से केंद्र सरकार से सवाल पूछेंगी। इस बाबत उन्होने फेसबुक पर पोस्ट भी साझा किया है जिसमें लिखा है कि जब कोरोना की दूसरी लहर ने देश में तबाही मचानी शुरू की और देश के नागरिक बेड, ऑक्सीजन, वैक्सीन और दवाइयों के लिए संघर्ष कर रहे थे, उस समय देश की सरकार से लोगों को उम्मीद थी कि वो इस भयावह स्थिति से निपटने के लिए पहले की तैयारियों एवं देश में उपलब्ध संसाधनों का पूरा इस्तेमाल लोगों की जान बचाने के लिए करेगी।
उन्होंने लिखा कि सरकार पूरी तरह से मूकदर्शक मोड में चली गई और पूरे देश में एक पीड़ादायी स्थिति पैदा हुई। यूपी की प्रभारी महासचिव ने लिखा है कि देश की सरकार के पास तैयारी के नाम पर केवल लापरवाही की तस्वीर थी। वैक्सीनों का निर्यात करना, ऑक्सीजन के निर्यात को 2020 में दुगना करना, दूसरे देशों की तुलना में जनसंख्या के अनुपात से बहुत कम वैक्सीन बहुत देर से ऑर्डर करना आदि जैसे कई बिंदु हैं, जिस पर सरकार का व्यवहार एकदम गैर-जिम्मेदाराना रहा।
कांग्रेसी नेता ने लिखा कि दूसरी लहर के दौरान मौतों के आंकड़े बताते हैं कि इसका कहर कितना घातक था। देश भर में नागरिकों की कई सारी दर्दनाक तस्वीरें आईं। पूरे देश ने वे दिन बेहद पीड़ा के साथ काटे। कितनों का कोई प्यारा गुजर गया, हर किसी ने किसी को खो दिया है। फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि आज जब प्राकृतिक रूप से यह लहर थोड़ी थम रही है तब अचानक सरकार अपनी मीडिया और मशीनरी के द्वारा फिर से दिखने लग रही है, फिर से हमारे प्रधानमंत्री और उनके मंत्री आगे आकर बयान देने लगे हैं।
महासचिव ने सवालिया लहजे में कहा “ लेकिन हम यहाँ पहुँचे कैसे। दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक में से एक, ऑक्सिजन उत्पादक में से एक, जिस देश के डॉक्टर विश्व भर में मशहूर हैं- आज हम इस मुकाम पर कैसे पहुँचे कि ऑक्सिजन, बेड्स, वैक्सीन की कमी से हमारे देशवासी अपनी जान दे रहे हैं।”
उन्होंने लिखा कि हर एक भारतीय नागरिक की जान कीमती है। सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है, जिन लोगों ने अपने परिजन खोए हैं, उनके प्रति जवाबदेह है। इसीलिए सरकार से हर एक मुद्दे पर बेबाक सवाल पूछे जाने जरूरी हैं। अनगिनत जानें सरकारी लापरवाही के चलते गईं। इसलिए सवाल पूछे जाने जरूरी हैं। सवाल पूछे जाने इसीलिए भी जरूरी हैं ताकि आगे की तैयारियों को लेकर सरकार देश के नागरिकों के सामने पारदर्शिता के साथ पूरा खाका रखे। ताकि कुर्सी पर बैठे हुए लोगों को इस देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी और अपनी जवाबदेही समझ में आए। इसलिए ये पूछना पड़ेगा कि जिम्मेदार कौन है।