पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद (एनईसी) ने 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर ‘‘गणतंत्र बचाओ’’ के विषय से एक नया अभियान शुरू करने की घोषणा की है और देश की जनता से अपील की है कि वह देश में लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए आगे आएं।
एनईसी की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि अब जबकि हमारा देश स्वतंत्रता का 75वां साल मनाने जा रहा है, हमारे लोकतंत्र पर मंडरा रहे खतरे पूरी तरह से खुलकर सामने आ गए हैं।
इस बयान में यह कहा गया कि ‘‘मौजूदा सरकार प्रदर्शनों और राजनीतिक विरोधों को दबाने के लिए काले कानूनों का बेतहाशा उपयोग कर रही है। वर्ष 2019 से यूएपीए के इस्तेमाल में 75 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह चीज़ गणतंत्र के लिए गरीबी, खराब स्वास्थ्य व्यवस्था, कम साक्षरता दर, जातिवाद व सांप्रदायिकता और सामाजिक व आर्थिक नाबराबरी के अलावा एक नया खतरा बन कर सामने आई है। मीडिया को अपने अधीन करके उससे डीप स्टेट के इशारों के अनुसार काम लिया जा रहा है। वहीं सांप्रदायिक नफरत अपनी चरम सीमा को पहुंच चुकी है और धार्मिक अल्पसंख्यकों के नस्ली सफाये के सार्वजनिक आह्वानों का आम चलन बनने लगा है। इन खतरों पर रिवायती पार्टियों की प्रतिक्रिया बेहद कमज़ोर है।
एनईसी ने इस ओर भी इशारा किया कि केवल जनता ही तानाशाही के खिलाफ लड़ाई लड़ने और संविधान व लोकतांत्रिक संस्थानों की सुरक्षा के मज़बूत प्रयासों के माध्यम से गणतंत्र को बचा सकती है।
अभियान का आरंभ कन्याकुमारी में आयोजित की जाने वाली जनसभा से किया जाएगा, जिसके बाद देश भर में रैलियों, मार्च, कॉन्फ्रेंसों और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। यह अभियान 26 जनवरी से शुरू होकर 15 अगस्त तक चलेगा, जो कि संगठन के इतिहास में अब तक का सबसे लंबा अभियान होगा।