PM मोदी का दावा ‘छात्रों को ध्यान में रखकर बनाई गई है नई शिक्षा नीति’

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि नई शिक्षा नीति विद्यार्थियाें को ध्यान में रखते हुए बनायी गयी है और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए इसमें नेशनल रिसर्च फाउंडेशन का प्रस्ताव दिया गया है जिसके तहत विज्ञान एवं विज्ञानेतर विषयों में अनुसंधान के लिए फण्ड उपलब्ध करवाए जाएंगे। पीएम मोदी ने आज आईआईटी गुवाहाटी के 22वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भले ही कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से दीक्षांत समारोह का स्वरुप बदल गया है लेकिन फिर भी यह उतना ही खास है। उन्होंने कहा,“ मैं मानता हूं कि राष्ट्र का भविष्य युवाओं की सोच पर निर्भर करता है, आज से आप सभी के सपने राष्ट्रनिर्माण की वास्तविकता को आकार देंगे। यह समय भविष्य के लिए तैयार रहने का है।”

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उन्होंने कहा कि इस नीति को विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए इसमें नेशनल रिसर्च फाउंडेशन का प्रस्ताव दिया गया है। इसके तहत विज्ञान एवं विज्ञानेतर विषयों में अनुसंधान के लिए फण्ड उपलब्ध करवाए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर देश के लिए काफी अहम है, ऐसे में छात्रों की रिसर्च यहां नये रास्ते खोल सकती है इसलिए छात्रशक्ति को अपनी रिसर्च के द्वारा यहां की समस्याओं को दूर करना चाहिए। सोलर एनर्जी से टूरिज्म इंडस्ट्री और अन्य क्षेत्रों में छात्रों को काम करना चाहिए। उन्होंने आईआईटी गुवाहाटी से अपील करते हुए कहा कि आप अपने यहां एक सेंटर बनाएं जो प्राकृतिक आपदाओं को लेकर काम करे और बचाव के उपाय निकालें। स्थानीय रिसर्च के साथ-साथ ग्लोबल टेक्नोलॉजी का भी ध्यान रखना जरूरी है।

प्रधानमंत्री ने आईआईटी गुवाहाटी को कोरोना काल में बेहतरीन काम करने के लिए और कोरोना से जुड़ी किट्स डेवलेप करने के लिए बधाई दी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि आज आप सभी छात्र यहां से दुनिया के अलग-अलग हिस्से में न सिर्फ अपने संस्थान के बल्कि भारत के ‘ब्रांड एम्बेसडर’ के रूप में जाने जाएंगे। उन्होंने कहा, “आज हमारे उच्च शिक्षण संस्थानों से पढ़े हुए छात्र दुनिया की शीर्षतम कंपनियों के सीईओ हैं और देश का नाम रोशन कर रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है आप सब अपनी इच्छा शक्ति एवं पुरुषार्थ से यशस्वी प्रधानमंत्री के सशक्त, शिक्षित, समर्थ एवं आत्मनिर्भर भारत के विज़न को पूरा करेंगे।”

शिक्षा मंत्री ने कहा कि आईआईटी गुवाहाटी देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक है चाहे वह रैंकिंग में हो या क्वालिटी एजूकेशन में, रिसर्च में हो या इनोवेशन में। आईआईटी गुवाहाटी ने हमेशा आगे बढ़कर ज़िम्मेदारी ली है और ज्ञान, विज्ञान एवं अनुसंधान के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

उन्होंने कहा कि आईआईटी गुवाहाटी ने अपने ज्ञान रूपी प्रकाश से पूरे देश को प्रकाशित करता रहा है। उन्होंने रूरल टेक्नोलॉजी एक्शन ग्रुप-नार्थ ईस्ट एवं टीईपीपी कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसकी वजह से हमारे गांवों तक तकनीक पहुंचाने में इन कार्यक्रमों ने अहम भूमिका निभाई है और इन्हें और मजबूत किया जाना चाहिए और नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र में आधुनिक तकनीक के साथ पारंपरिक ज्ञान का अभिसरण होना चाहिए।

डॉ निशंक ने कहा, “आज देश के पास मज़बूत एवं प्रभावी राष्ट्रीय नेतृत्व है, इच्छाशक्ति भी है, स्वेच्छा भी है, इसलिए हम निश्चित रूप से हर क्षेत्र में विजेता के तौर पर उभरेंगे चाहे वह शिक्षा नीति की सफलता हो या देश की प्रगति का प्रश्न। इसके अलावा यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम इसको आगे लेकर जाएंगे।”