जहांगीरपुरी में बुलडोजर कार्रावाई पर PFI की प्रतिक्रिया, ‘यह मुस्लिम विरोधी नफरत का क्रूर प्रदर्शन है’

नई दिल्लीः पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद की बुधवार (20 अप्रैल 2022 को) चेन्नई में आयोजित बैठक में पारित एक प्रस्ताव में कहा गया कि रामनवमी की रैलियों के बाद से बने देश के हालात बेहद खतरनाक हैं जो एक करीबी नरसंहार का पता दे रहे हैं।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

पीएफआई मुस्लिम विरोधी नफरत और हिंसा विभिन्न राज्यों में एक साथ और इतने बड़े पैमाने पर हुए जो एक बड़ी योजना का इशारा दे रहे हैं। हिंदुत्व समर्थित भीड़ को मुस्लिम मोहल्लों में लूटमार करने की खुली छूट दी गई, और अब मुसलमानों को सिर्फ अपनी रक्षा की कोशिश करने पर अत्याचार का निशाना बनाया जा रहा है। यह सब सरकारी सरपरस्ती में होने वाला नस्ली सफाया है और बीजेपी की राज्य व केंद्र सरकारें इसमें शामिल हैं।

एक अन्य प्रस्ताव में पॉपुलर फ्रंट की एनईसी में उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा घरों व अन्य संपत्तियों को ढहाने की कार्यवाही की कड़ी निंदा की है।

हिंदुत्व भीड़ द्वारा जहांगीरपुरी के निवासियों पर किए गए हमले के कुछ दिन बाद बीजेपी शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम का तोड़फोड़ अभियान संस्थागत मुस्लिम विरोधी नफरत का क्रूर प्रदर्शन है। इसे कानून और अदालती कार्यवाही का खुला उल्लंघन करते हुए अंजाम दिया गया। वहां के निवासियों और मालिकों को न पहले से सूचित किया गया और न ही इस फैसले को चुनौती देने की अनुमति दी गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद, अधिकारियों ने कार्यवाही को रोकने से इंकार कर दिया।

यह दावा कि यह कार्यवाही अवैध अतिक्रमण के खिलाफ है, एक बहुत बड़ा झूठ है। हनुमान जयंती की आड़ में संघ परिवार के हमलों से खुद की रक्षा करने की जहांगीरपुरी के लोगों को सज़ा दी जा रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस खुले अन्याय पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। जनता के अधिकारों की रक्षा करना उनकी ज़िम्मेदारी है, विशेष रूप से उस समय जबकि उनकी पार्टी स्पष्ट रूप से यह कह चुकी है कि हिंसा भड़काने वाली भाजपा है।

पॉपुलर फ्रंट देश के मुस्लिम संगठनों और पार्टियों से अपील करता है कि वे इन उल्लंघनों के खिलाफ लोकतांत्रिक व कानूनी तरीके से लड़ाई लड़ें और उन लोगों की मदद के लिए आगे आएं, जिनका इस सरकारी अत्याचार के कारण घर-बार और रोज़ी-रोटी उनसे छिन गई है।