नई दिल्लीः पॉपुलर फ्रंट ने जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ राजकीय प्रतिशोध की निंदा की है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के चेयरमैन ओ.एम.ए. सलाम ने असम पुलिस द्वारा विधायक जिग्नेश मेवाणी की गिरफ्तारी और उत्पीड़न की कड़ी निंदा की है।
पॉपुलर फ्रंट ने कहा कि असम पुलिस द्वारा गुजरात विधायक जिग्नेश मेवाणी की गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध के अलावा और कुछ नहीं है। मेवाणी पिछड़े वर्गों के बीच एक उभरते हुए युवा नेता हैं। बीजेपी इस बात से डरी हुई है कि उनका प्रचार लोगों, खासकर वंचित वर्गो के लोगों के बीच गूंज रहा है और बीजेपी के गढ़ों में भी हलचल मचा रहा है.
पीएफआई ने कहा कि नराजनीतिक विरोधियों को चुप कराने के लिए सत्ता के इस घोर दुरुपयोग की भाजपा एक नई मिसाल कायम कर रही है। देश के अलग-अलग हिस्सों से बीजेपी का विरोध करने वाले जन प्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को बीजेपी शासित राज्यों में कानूनी पचड़ों में फंसया जा रहा है।
पॉपुलर फ्रंट ने कहा कि एक मामले में ज़मानत मिलने के तुरंत बाद मेवाणी को दूसरे मनगढ़ंत मामले में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। यह स्पष्ट संकेत है कि असम पुलिस मेवाणी की रिहाई को हर हाल में रोकना चाहती है। हालांकि यह स्पष्ट है कि ये मामले निराधार हैं और अदालत में टिकने की बहुत ज़्यादा संभावना नहीं है, ऐसे मामलों का उद्देश्य निर्दाष लोगों को क़ैद करके रखना और लंबी कानूनी प्रक्रियाओं के माध्यम से उनका उत्पीड़न करना है।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के चेयरमैन ओ.एम.ए. सलाम ने कहा कि भाजपा देश में ऐसी स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रही है जिसमें लोकतांत्रिक सक्रियता और सरकार से असहमति अपराध बन जाए। इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। देश की लोकतांत्रिक ताकतों को मेवाणी और अन्य राजनीतिक कैदियों के खिलाफ दमनकारी कार्यवाहियों के विरोध में आगे आना चाहिए।