गोरखपुर/बड़हलगंजः सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान के सापेक्ष काले कृषि क़ानून के विरुद्ध प्रदर्श कर रहे देश के अन्नदाता किसानों के द्वारा जारी शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर बल प्रयोग अतिनिंदीय है। पीस पार्टी किसान आंदोलन का पूर्ण रूप से समर्थन और सरकार द्वारा लाए गए काले क़ानून का विरोध करती है। ये बातें पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अय्यूब सर्जन ने कही। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार कृषि पर काले क़ानून लाकर किसानों के हितों पर कुठाराघात कर रही है।
पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि किसानों को दिये जा रहे समर्थन मूल्य छीनने के विरुद्ध आवाज़ उठाने वाले किसानों पर सरकार बल प्रयोग कर उनकी आवाज़ दबाना चाहती है, पर किसान उत्पीड़न से भयभीत होने वाले नहीं हैं, जब तक काला काला क़ानून वापस नहीं हो जाता किसानों का धरना जारी रहेगा। सरकार किसानों से सभी सुविधाएं छीनकर पूंजीपतियों को दे रही है, और निजीकरण के क्रम में अब कृषि आधारित उपक्रमों का का निजीकरण किसानों के मुंह से निवाला छीनने का काम किया जा रहा है।
डॉ. अय्यूब ने कहा कि सरकार लोकतंत्र की हत्या करके तानाशाही पर उतारू है, सामने मज़बूत विपक्ष नहीं होने का कारण मनमानी कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों की स्थिती बेहद खराब होने बावजूद सरकार पूंजीपतियों के दबाव में किसानों के हित में ठोस क़दम न उठाकर उनका उत्पीड़न कर रही है, जबकि पूंजीपतियों को उपहार स्वरूप बैंकों के कर्ज के रूप में हजारों करोड़ रूपया माफ कर सरकारी उपक्रमों को उनके हाथों में सौंप रही है। भारत एक कृषि प्रधान देश है, और अन्नदाता के कारण ही अर्थव्यवस्था टिकी हुई है, अन्नदाताओं को सुविधा देने के सापेक्ष काले कानून के विरुद्ध आवाज़ उठाने पर बल प्रयोग कर उनकी आवाज़ को दबाया जा रहा है।
पीस पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि किसानों पर किया जा रहा ज़ुल्म काले दिन के रूप में याद किया जाएगा, और किसानों का यह बलिदान बेकार नहीं जाएगा। डॉ. अय्यूब ने कहा कि पीस पार्टी किसानों के साथ है और इस काले कानून का विरोध करती रहेगी।