किसानों की परेड को पीस पार्टी का समर्थन, शादाब बोले ‘यह फसल ही नहीं बल्कि नस्ल बचाने की लड़ाई है’

नई दिल्लीः कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। किसानों ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर परेड करने का फैसला लिया है, इसे दिल्ली पुलिस ने भी हरी झंडी दे दी है। इसी क्रम में पीस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शादाब चौहान ने आम जनता से आह्वान किया है कि वे किसानों की इस परेड का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा कि इस बार गणतंत्र दिवस पर इतिहास बनने जा रहा है।

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पीस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने ये बयान एक वीडियो जारी करके दिया है। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है। उन्होंने पुलिस को भी चेताया है कि किसानों के ट्रेक्टरों को रोकने की कोशिश न की जाए, किसान इस देश के मालिक हैं, अन्नदाता हैं उन्हें परेशान न किया जाए। शादाब ने कहा कि जो किसानों से टकराएगा चूर चूर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार अपने अहंकार में इन काले क़ानूनों को वापस नहीं ले रही है यह ऐसा ही है जैसा नस्लवादी क़ानून सीएए पर हुआ था।

शादाब चौहान ने कहा कि जिस तरह शाहीनबाग़, जामिया में आंदोलनकारी संविधान सेनानियों पर गोडसेवादी विचारधारा के लोगों ने गोलियां चलाईं थीं, उसी तरह किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिये इस आंदोलन में भी ऐसी हरकत की गई है। उन्होंने किसानों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि अच्छा हुआ किसानों ने उस गैंग के एक सदस्य को पकड़ लिया और सच सामने आ गया।

पीस पार्टी प्रवक्ता ने आम जनता से इस आंदोलन में शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि मैं खुद किसान परिवार से हूं और मैं भी इस परेड में शामिल रहुंगा। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ किसान की लडाई नहीं हैं बल्कि यह पूंजीवादी सरकार के खिलाफ आम जनता की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ फसल ही नहीं बल्कि नस्ल बचाने की भी लडाई है। सरकार को हर हाल में इन तीनों काले क़ानूनों को वापस लेना ही होगा।