लखनऊः पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब ने जेल से बाहर आते ही अपने तेवर दिखाने शुरु कर दिये हैं। उन्होंने मांग की है कि दलित मुसलमान और दलित ईसाईयों को आरक्षण दिया जाए। उन्होंने ये बातें एक ट्वीट करके कही हैं। बता दें कि बीते रोज़ ही डॉक्टर अय्यूब दो महीने से भी अधिक तक जेल में रहने के बाद रिहा हुए हैं। उन्हें कथित तौर पर एक विवादित विज्ञापन प्रकाशित कराने के मामले में जेल भेज दिया गया था।
डॉक्टर अय्यूब ने कहा कि अम्बेडकर जी,कांशीराम व मायावती जी सहित सभी दलित नेता,जिन्होंने दलितों के सम्मान व अधिकार के लिये संघर्ष किया,मैं सभी का सम्मान करता हूँ।क्या इन सभी ने कभी धार्मिक आधार पर हम मुस्लिम/ ईसाई दलितों को दलित आरक्षण से वंचित करने का विरोध किया? हमें सिर्फ़ आपकी माफ़ी नहीं,हक़ चाहिये।
पीस पार्टी अध्यक्ष के इस ट्वीट पर पीस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शादाब चौहान ने कहा कि निश्चित अब में नारे नहीं न्याय चाहिए हर समाज को न्याय मिले यही पीस पार्टी की विचारधारा है और हम माननीय अध्यक्ष जी के नेतृत्व में के लिए तत्पर हैं। बता दें कि पहले सिर्फ उन्हीं दलितों को आरक्षण का मिलता था जिनकी पूजा शैली हिंदू धर्म के अनुसार है, इसके बाद सिख दलितों, बौद्ध दलितों को भी इसमें शामिल कर लिया गया। लेकिन मुस्लिम दलितों और ईसाई दलितों को अभी भी आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया है। ये जाति वर्ग आरक्षण से वंचित हैं।
पीस पार्टी लंबे समय से मुस्लिम दलितों, एंव ईसाई दलितों के लिये आरक्षण की मांग करती आ रही है। जेल से बाहर आते ही डॉक्टर अय्यूब ने आरक्षण का मुद्दा उठा दिया है। जानकारी के लिये बता दें कि पीस पार्टी के पास मौजूदा विधानसभा में कोई सदस्य नहीं है, हालांकि इस पार्टी ने अपने पहले ही विधानसभा चुनाव में चार सीटें जीतीं थीं, जिसमें गोरखपुर की खलीलाबाद विधानसभा सीट से डॉक्टर अय्यूब ने जीत दर्ज की थी।