लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में होने हैं, लेकिन राजनीतिक दलों ने अभी से कमर कसना शुरु कर दी है। ऐसे में पीस पार्टी ने गुर्जर कार्ड खेलते हुए संजय गुर्जर को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। यह जानकारी पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अय्यूब ने एक प्रेस कांफ्रेंस में दी है। उन्होंने बताया कि संजय गुर्जर को प्रदेश अध्यक्ष जबकि आरिफ़ हाशमी एडवोकेट को पीस पार्टी का (अवध प्रांत) प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
पीस पार्टी अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब ने कहा कि पीस पार्टी सभी वर्गों को समानाधिकार एंव समान भागीदारी देने की विचारधारा में विचारधारा में विश्वास रखती है। उन्होंने कहा कि पीस पार्टी उन सभी वर्गों को राजनीतिक भागीदारी देगी जिन्हें तमाम सियासी पार्टियों ने सिर्फ वोट बैंक के तौर पर तो इस्तेमाल किया लेकिन राजनीतिक भागीदार नहीं बनाया। पीस पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि साल 2022 के चुनाव वे अकेले अपने दम पर लड़ेंगे, और उन्होंने इसके लिये 250 सीटों को चिन्हित किया है जिन पर चुनाव लड़ा जाएगा।
डॉक्टर अय्यूब ने कहा कि हमारी पार्टी शांति न्याय भाईचारे की विचारधारा में विश्वास रखती है, इसलिये जब उनकी पार्टी सरकार में भागीदार बनेगी प्रदेश में अराजक तत्वों की हिम्मत नहीं होगी कि वे सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकें। उन्होंने कहा कि मौजूदा यूपी सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। डॉ. अय्यूब ने कहा कि साल 2022 में प्रदेश में बनने वाली कोई भी सरकार हमारे समर्थन के बिना नहीं बन पाएगी। उन्होंने कहा कि हम काफी समय से प्रदेश में संगठन विस्तार पर काम कर रहे हैं।
पीस पार्टी के अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने आज 2022 के विधानसभा प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी की है। पीस पार्टी ने बागपत से राशिद राव और फिरोज़ोबाद विधानसभा सीट से अवधेश जादौन को प्रत्याशी बनाया है। बता दें कि इससे पहले पीस पार्टी ने चार और प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की थी, जिसमें बाराबंकी, खलीलाबाद, अतरौला और सुल्तानपुर के प्रत्याशियों की घोषणा की गई थी।
इस मौक़े पर पीस पार्टी के यूपी प्रभारी इंजनीयर इरफान ने कहा कि आज युवा परेशान है, उसके पास रोजगार नहीं है, किसान आंदोलन कर रहे हैं, मजदूरों के पास काम नहीं है, लेकिन पूंजीपतियों के हितों को ध्यान में रखकर काम करने वाली सरकार जनता पर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि 50 से ज्यादा किसानों की आंदोलन स्थल पर जान चुकी है, लेकिन सरकार बार बार किसानों के साथ वार्ता के नाम पर उनका समय बर्बाद कर रही है। इंजीनयर इरफान ने कहा कि उनकी पार्टी किसान आंदोलन का समर्थन करती है और सरकार को ये तीनों काले क़ानून हर हाल में वापस लेने होंगे।