डॉ. अय्यूब की रिहाई के लिये जेल भरो आंदोलन करने की तैयारी में जुटी पीस पार्टी

लखनऊ/बरेलीः पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अय्यूब रासुका के तहत लखनऊ की जेल में बंद हैं। उनकी रिहाई के लिये पीस पार्टी द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। अब उनकी रिहाई के लिये पीस पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा जेल भरो आंदोलन की तैयारी की जा रही है। पीस पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी और डॉ. अय्यूब के पुत्र मोहम्मद इरफान ने आज लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस की, जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि अगर डॉ. अय्यूब को रिहा नहीं किया जाता है तो पीस पार्टी अगले महीने जेल भरो आंदोलन करेगी।

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मोहम्मद इरफान ने कहा कि जिस तरह इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गोरखपुर के डॉ. कफ़ील ख़ान के ऊपर से रासुका हटाया है, उससे साबित हो गया कि यूपी सरकार रासुका का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई है कि डॉ. अय्यूब के मामले में भी अदालत उन्हें न्याय देगी। मोहम्मद इरफान ने कहा कि यूपी में जनता त्रस्त है अब उसे सिर्फ पीस पार्टी में ही अपना भविष्य नज़र आ रहा है, इसलिये पीस पार्टी का काफिला हर दिन बढ़ता जा रहा है।

पत्रकारों को संबोधित करते हुए मोहम्मद इरफान ने बताया कि 31 जुलई को जब डॉ. अय्यूब बड़हलगंज में ऑपरेशन कर रहे थे तब रात के अंधेरे में ऑपरेशन थिएटर से उन्हें गिरफ्तार किया गया, उन पर कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया, और उसके बाद उन पर रासुका लगा दी गई। मोहम्मद इरफान ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि डॉ. अय्यूब पर लगे ये सभी आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा कि पीस पार्टी के कार्यकर्ता हर जिले से हजारों की संख्या में हस्ताक्षर कराकर उन्हें राज्यपाल को सौंपेगी और उसके बाद भी अगर डॉ. अय्यूब को रिहा नहीं किया जाता है तो जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा।

गठबंधन से हुआ नुक़सान

पीस पार्टी प्रभारी मोहम्मद इरफान ने कहा कि पीस पार्टी अभी से 2022 के चुनाव की तैयारी में जुट गई है। पीस पार्टी अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि 2009 में पीस पार्टी ने अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ा था, पार्टी सीट तो नहीं जीत पाई थी लेकिन तब यूपी में वोटर शेयर के मामले में पीस पार्टी यूपी में छठे नंबर की पार्टी रही थी। उसके बाद 2012 में उनकी पार्टी ने अपने दम पर चुनाव लड़ा और विधानसभा की चार सीटों पर जीत दर्ज की, 2014 के लोकसभा चुनाव में भी पीस पार्टी ने अच्छे खासे वोट लिये थे।

पीस पार्टी के नेता ने बताया कि 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन में उनकी पार्टी को नुकसान पहुंचाया है। इन चुनाव में पार्टी जीत तो हासिल नहीं कर पाई लेकिन संगठन टूटने का नुकसान अलग से उठाना पड़ा, मोहम्मद इरफान ने कहा कि हम जिला पंचायत चुनाव में भी अपनी प्रत्याशी उतारेंगे, जिसकी घोषणा बरेली के जिलाध्यक्ष को जिला पंचायत प्रत्याशी बनाकर कर दी गई है। उन्होंने कहा कि हम अभी से प्रदेश की कमसे कम 250 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा करने जा रहे हैं, और उन सीटों पर पूरी मेहनत से तैयारी की जाएगी। बता दें कि पीस पार्टी के प्रभारी बरेली में पार्टी कार्यकर्ताओं की समीक्षा बैठक लेने आए थे।