पीस पार्टी और राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल आए साथ, कहा ‘मुसलमानों को राजनीतिक गुलामी से निजात दिलाएंगे’

लखनऊः आज उत्तर प्रदेश की सियासत में एक नए अध्याय की शुरूआत हो रही है जिसकी कोशिश पिछले एक दशक से ज्यादा समय से हो रही थी, प्रदेश की राजनीति में ज़मीनी सतह पर सक्रिय राजनैतिक दल राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल व पीस पार्टी गठबंधन कर रहे हैं ताकि वोटों का बिखराव रोका जा सके और जनविरोधी व फासीवादी शक्तियों को सत्ता से बाहर करने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया जा सके।

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उन्होने कहा कि आगामी चुनाव में हमारा गठबंधन नया इतिहास रचेगा और इसके परिणाम चैंकाने वाले होंगे। उपरोक्त बातें पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब सर्जन ने पीस पार्टी व राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के गठबंधन ‘‘यूनाईटेड डेमोक्रेटिक एलायंस‘‘ (यू0डी0ए0) की घोषणा के लिए आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा।

उन्होने कहा कि स्वतंत्रता के 74 वर्ष बाद भी मुसलमान तथाकथित धर्मनिर्पेक्ष दलों की राजनीतिक गुलामी करते करते आज कहीं का नहीं रहा और पिछड़ेपन की अंतिम सीमा पर पहुंच गया है जिसका खुलासा सच्चर कमेटी की रिपोर्ट कर चुकी है। ये सभी दल वंचितो, शोषितों और मुसलमानों का मत लेकर सत्ता तो प्राप्त करना चाहते हैं मगर उन्हें हिस्सेदारी नहीं देना चाहते हैं। हमारे इस गठबंधन का लक्ष्य ही मुसलमानों को राजनीतिक गुलामी से निजात दिलाना है और उनके साथ ही अन्य वंचित व शोषित वर्गों को उनके संवैधानिक अधिकार दिलाना है।

आगामी विधानसभा चुनाव में दोनों दल एक साथ मज़बूती से चुनाव लड़ेंगे, अब जो अन्य दल सच में मुस्लिम मतों के बिखरने से रोकने लिए चिंतित हैं, हम उन्हें गठबंधन के लिए आमंत्रित करते हैं कि वह साथ आएं और वंचितों, शोषितों व मुसलमानों को तथाकथित धर्मनिर्पेक्ष दलों की गुलामी से निजात दिलाने के लिए सहयोग करें, ये तथाकथित धर्मनिर्पेक्ष दल मुसलमानो का मत लेकर सत्ता तो हासिल करते रहे हैं मगर इनका व्यवहार मुसलमानों के प्रति सांप्रादायिक शक्तियों से अधिक घातक रहा है जिसकी मिसाल मेरठ, मलियाना, भागलपुर और मुजफ्फरनगर आदि हजारों दंगे हैं।

राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहाकि, ‘‘एक लंबे समय से जनता की मांग थी कि समान विचारधारा के हम दोनों दल एक साथ आएं ताकि जनता हमारे साथ एकजुट होकर एक मचं पे आ सके, यू0डी0ए0 का गठन इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, हमारी ये एकजुटता अब जनता को एकजुट करेगी। आने वाले दिनों में समाज में शोषित/वंचित वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य राजनैतिक दलों को भी इस एलायंस में शामिल किया जाएगा ताकि समाज के शोषित व वंचित वर्गों को एक साथ लाकर उनके अधिकारों के लिए एक संगठित लोकतांत्रिक आवाज खड़ी की जा सके।

उन्होने कहाकि आजादी के बाद से लगातार तथाकथित सेकुलर दलों ने मुसलमानों को वोट बैंक बनाकर केवल उनका वोट हासिल किया गया, वहीं 2014 के बाद देश की सत्ता में आए दल के लोगों ने लगातार मुसलमानों को क्मउवदप्रम किया है। अबतक मुसलमानों के वोटों पर राज करने वाले ये समझ लें कि मुसलमान अब ताबेदारी करने को तैयार नही है और यह तथाकथित धर्मनिर्पेक्ष दलों को मंजूर नहीं है। हम धर्म व जातिवाद आदि भेदभाव से ऊपर उठकर मानवीय आधारों पर प्रदेश में फैली मंहगाई, बेरोजगारी, गरीबी, भ्रष्टाचार, सम्प्रदायिक्ता एवं दंगा फसाद जैसी समस्याओं के निदान हेतु राजनीति में आए हैं। हमारा उद्देश्य सभी को साथ लेकर चलना है, लेकिन जो वर्ग आज तक संवैधानिक अधिकारों और मूलभूत सुविधाओं से वंचित है उन्हें न्याय और अधिकार दिलाना हमारी प्राथमिक्ता है।

हमारा गठबंधन स्वाभाविक है और जनभावना पे आधारित है, अब जो भी दल आगामी विधानसभा चुनाव में वर्तमान भाजपा सरकार के कुशासन, जनविरोधी व दमनकारी नीतियों से तंग हैं और इन्हें दोबारा सत्ता में आने से रोकना चाहते हैं तथा सेकुलर मतो को बिखरने से बचाने की बात करते हैं, हमारा गठबंधन उन्हें सःसम्मान आमंत्रित करता है कि वह गठबंधन के साथ आएं। उन्होंने कहा कि हम ये भी जानते हैं कि तथाकथित धर्मनिर्पेक्ष दलों को हमारा ये गठबंधन बर्दाश्त नही होगा और आने वाले समय में वह तरह तरह की अफवाह फैलाने से पीछे नहीं रहेंगे पर इसकी हमको परवाह नही, हमारा संघर्ष समाज में अंतिम पायदान पे खड़े आम जनमानस के लिए है और जो जनहित व समाजहित व प्रदेशहित में होगा हम व करेंगे। समाज के हर वर्ग का सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षिक व आर्थिक उत्थान और समाज में परस्पर सहयोग और अमन चैन का माहौल बनाये रखना ही हमारा मकसद है और हम मजबूती से इस ओर अग्रसर हैं।