नई दिल्ली/लखनऊः पिछले महीने जेल से रिहा हुए पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर यूपी में 2022 होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सक्रिय हो गए हैं। जानकारी के अनुसार उन्होंने 24 नवंबर को कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है जिसमें यूपी विधानसभा चुनाव की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा। बता दें कि पीस पार्टी लगभग छ महीने से संगठन विस्तार पर कार्य करती आ रही है। इस क्रम में पीस पार्टी ने सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की कवायद शुरु कर दी है। पिछले दिनों पीस पार्टी में पश्चिम निर्माण मोर्चा संगठन के कर्नल सुधीर अपने समर्थकों के साथ पीस पार्टी में शामिल हुए थे।
वहीं पीस पार्टी ने किसान मोर्चा की ज़िम्मेदारी वरिष्ठ किसान नेता चौधरी जगबीर सिंह सांगवान को सौंपी है। पीस पार्टी ने जगबीर सांगवान को किसान सेल का अध्यक्ष बनाया है, जबकि संजय गुर्जर को प्रदेश कार्यकारणी में ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। जानकारी के लिये बता दें कि पीस पार्टी ने साल 2012 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था, इस चुनाव में पार्टी ने चार सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि 2017 में उत्तर प्रदेश में चली भाजपा लहर में पीस पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी।
2017 में पार्टी के निराशजनक प्रदर्शन से सबक़ लेते हुए पीस पार्टी ने ज़मीनी स्तर पर संगठन बनाने की तैयारी शुरु कर दी है। पार्टी के यूपी प्रभारी मोहम्मद इरफान का कहना है कि 2017 और 2017 के चुनाव में पीस पार्टी गठबंधन के झांसे में फंस गई थी, जिसकी वजह से पार्टी को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। इरफान के मुताबिक़ जब पीस पार्टी सपा के साथ मिलकर गोरखपुर में लोकसभा का उपचुनाव लड़ी तो सपा को उम्मीदवार को जीत दर्ज हुई, यह सिर्फ पीस पार्टी की बदौलत ही संभव हो पाया। इरफान के अनुसार डॉ. अय्यूब की सभी वर्गों में पकड़ है, जिसकी वजह से मुख्यमंत्री योगी को के क़िले को भी भेदा गया जिसे भेद पाना सपा, बसपा, कांग्रेस के लिये भी मुश्किल रहा है।
मोहम्मद इरफान कहते हैं कि पीस पार्टी सभी वर्गों की पार्टी है, उस पर किसी एक वर्ग विशेष का लेबल लगा हुआ नहीं है। इरफान के अनुसार बीते छः महीने में पार्टी ने उत्तर प्रदेश में संगठन विस्तार पर काम किया है। और विधानसभा की 250 सीटों को चिन्हित किया, जिन पर 2022 के चुनाव में प्रत्याशी उतारे जाऐंगे, इन्हीं सीटों पर पीस पार्टी पूरे दम खम के साथ चुनाव लड़ेगी।