यूपी में समाजिक गठजोड़ करने में जुटी पीस पार्टी, सपा और भाजपा की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

नई दिल्लीः पीस पार्टी ने एक नया समाजिक गठजोड़ बनाने पर काम करना शुरु कर दिया है। पार्टी द्वारा राजनीतिक भागीदारी में हाशिये पर पड़े समाज को साथ लेकर एक नया समाजिक गठजोड़ बनाने की तैयारी की जा रही है। पीस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शादाब चौहान ने बताया कि पीस पार्टी द्वारा प्रजापत समाज, गुर्जर समाज, पाल समाज, सैनी समाज, को किसी भी पार्टी ने पूर्ण रूप से राजनीतिक भागीदारी नहीं दी, उनकी पार्टी न सिर्फ इन वर्गों को भागीदारी देगी, बल्कि उनकी आबादी के हिसाब से सरकार में भी भागीदारी सुनिश्चित कराई जाएगी।

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उन्होंने कहा कि 2022 का चुनाव पीस पार्टी इंजीनियर इरफान के नेतृत्व में अकेले अपने दम पर लड़ेगी। पीस पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि हमारी पार्टी किसी एक धर्म संप्रदाय, वर्ग की पार्टी नहीं है, बल्कि हम वंचित समाज को उसका हक़ दिलाने के लिये राजनीति में आए हैं। उन्होंने कहा कि आज तक किसी भी पार्टी की सरकार ने पाल समाज, गुर्जर समाज, प्रजापत समाज, सैनी समाज को उसकी आबादी के अनुपात से उसका हक़ नहीं दिया। शादाब चौहान ने कहा कि सभी दलों ने इन वर्गों की अनदेखी की है, लेकिन पीस पार्टी इन वर्गों को उनका हक़ दिलाएगी।

बता दें की बुलंदशहर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव पीस पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय कर दिया है। बता दें कि पीस पार्टी के कार्यकर्ता पिछले कुछ महीनों में सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ मुखर होते दिखे हैं। दिलचस्प यह है कि पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब अभी भी जेल में बंद हैं, लेकिन इसके बावजूद पीस पार्टी के कार्यकर्ता कृषि सुधार अधिनियम से लेकर हाथरस बलरामपुर मामलों तक में सड़क पर दिखाई दिए हैं।

फिलहाल पार्टी की कमान पीस पार्टी के यूपी प्रभारी मोहम्मद इरफान के हाथों में हैं। जो अपने पिता तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब की ग़ैरमौजूदगी में उत्तर प्रदेश में संगठन विस्तार करने पर लगे हुए हैं। इसी कड़ी में गाज़ियाबाद में पीस पार्टी की एक बैठक हुई। इस बैठक में शादाब चौहान, संजय गुर्जर, कर्नल सुधीर, सत्यपाल यादव, भूरे निडोरी, पाशा, हरिवंश, एमएस गिल शामिल रहे।