कोरोना का क़हर अब कम हो गया है। अप्रैल- मई 2021 में क़हर बरपाने वाली इस महामारी ने अपने पीछे तबाही के ऐसे निशान छोड़े हैं, जिन्हें भुला पाना मुश्किल है। श्मशान हो या कब्रस्तान हर जगह शवों की क़तारें दिखाईं दीं। एक तरफ कोरोना क़हर बरपा रहा था तो दूसरी ओर सरकारों की अव्यवस्था के कारण लोग अपनी जान गंवाते रहे। अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझते रहे तो ऐसी भी तस्वीरें आईं जिसमें मरीज़ अस्पताल में बेड मिलने के लिये जूझते रहे। इस महामारी में जहां एक ओर सरकारी अव्यवस्था थी तो दूसरी वे नागरिक भी हैं जो अपनी जान जोख़िम में डालकर उखड़ती सांसों को ऑक्सीजन पहुंचा रहे थे। दिल्ली के शाहीनबाग़ में ऐसे ही एक ‘फरिश्ते’ ने उखड़ती सांसों को ऑक्सीजन पहुंचाने के लिये ‘ऑक्सीजन मैन’ की भूमिका निभाई है।
शाहीनबाग़ निवासी इंजीनियर मोहम्मद जाबिर अपना सारा काम धंधा छोड़कर ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतज़ाम करने में जुट गए। जाबिर बताते हैं कि इसके लिये उन्होंने सोशल मीडिया का भी सहारा लिया, 21 अप्रैल को उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट से अपील करते हुए लिखा कि “अगर आपके पास ऑक्सीजन सिलिंडर है तो कुछ दिनों के लिए हमें दें ये कदम बोहोत सी ज़िंदगियाँ बचाएगा। जब वापस चाहिए हम एक घण्टे में लौटा देंगे। बड़ा सवाब मिलेगा।” उनकी यह अपील कारगर साबित हुई, कई लोगों ने उन्हें वेलडिंग वाले सिलेंडर दे दिए जिन्हें रिफिल कराकर जाबिर ने ज़रूरमंदों तक पहुंचाया।
मानवता के लिये बनाई SEWA
इंजीनियर मोहम्मद जाबिर ने लंबे समय से समाजिक कार्य करते रहे हैं। उन्होंने Social Educational Welfare Association (SEWA) बनाई है। इसके बैनर तले मोहम्मद जाबिर समाजिक कार्य करते हैं। शाहीनबाग़ ओखला में SEWA बहुत मशहूर संगठन है। जाबिर बताते हैं कि साल 2008 से वे निजी तौर पर और संगठन के साथ मिलकर समाज सेवा करते रहे हैं। जाबिर के मुताबिक़ “मैं अपने कारोबार के व्यस्त समय में से वक्त निकालकर समाजसेवा का कार्य करता रहा हूं, ऐसा मैं यह सोचकर करता हूं कि इंसानियत को बचाने के लिये एक नागरिक के तौर पर अगर हम आगे नहीं आएंगे तो कौन आगे आएगा”। मोहम्मद जाबिर की SEWA ने सिर्फ उखड़ती सांसों को बचाने के लिये ऑक्सीजन सिलेंडर ही नहीं पहुंचाए हैं, बल्कि लॉकडाउन के कारण फैली बेरोजगार में दो वक्त की दो रोटी के लिये जूझते परिवारों को राशन भी पहुंचाया है। जाबिर बताते हैं कि उनकी SEWA टीम ने न सिर्फ रोज़ेदारों को इफ्तार कराया जरूरतमंद लोगों के घरों में रमज़ान की किट भी पहुंचाई है।
सिर्फ ओखला तक ही सीमित नहीं SEWA
सेवा के चेयरमैन इंजीनियर मोहम्मद जाबिर बताते हैं कि वैसे तो उनके संगठन द्वारा ओखला में समाजिक कार्य ज्यादा किये गए हैं, लेकिन पिछले महीने जब ऑक्सीजन के लिये दिल्ली और यूपी में हाहाकार मचा तो उन्होंने यूपी में भी लोगों को मदद की है। जाबिर बताते हैं कि उन्होंने गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, हापुड़ के लोगों को भी ऑक्सीजन उपलब्ध कराई है। जाबिर बताते हैं कि उन्होंने कुछ सिलेंडर खरीदे और कुछ वेल्डिंग सिलेंडर लोगों से लिये, इन्हें रिफिल कराने के लिये वे रात-रात भर ऑक्सीजन प्लांट के पर खड़े रहे। जैसे ही ऑक्सीजन रिफिल होते वे उन्हें जरूरतमंदों को दे देते। जाबिर बताते हैं कि “हमने किसी भी जरूरतमंद से ऑक्सीजन सिलेंडर के बदले कोई शुल्क नहीं लिया, उन्होंने ये काम मानवता को बचाने के लिये किया है”।
वह बहुत बुरा वक्त था
ऑक्सीजन के अभाव दम तोड़ते इंसानों का ज़िक्र करके जाबिर सिहर उठते हैं। वे उस वक्त को याद करते हुए बताते हैं कि वह बहुत बुरा वक्त था। जाबिर बताते हैं कि हमारे पास बहुत सारे लोगों के आते थे, लेकिन हम सभी को ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं दे पा रहे थे। हमारे पास 2 से 4 सिलेंडर आते, जबकि जरूरतमंदों की संख्या तकरीबन 40 से 50 होती, ऐसी स्थिती में सबसे मुश्किल काम सभी जरूरतमंदों को सिलेंडर न दे पाना था। हमने मानवता को बचाने के लिये खाली ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे, और फिर उन्हें रिफिल कराकर जरूरमंदों को उपलब्ध कराया।
ताकि कोई भूखा न सो सके…
मोहम्मद जाबिर बताते हैं कि Social Educational Welfare Association (SEWA) द्वारा उन परिवारों को चिन्हित किया जाता है जिनके कारोबार लॉकडाउन की वजह से बंद हो गए, और उन्हें रोटी के भी लाले हैं। चिन्हित करने के बाद उन परिवारों को उनके संगठन द्वारा राशन की किट मुहैय्या कराई जाती है। जाबिर के मुताबिक़ जिन लोगों के महामारी के चलते लोगों के रोजगार बंद हो गए हैं, जिससे रोज़ी रोटी के लिये लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है। लोगों की इन मूलभूल जरूरतों को सेवा के माध्यम से पूरा किया जा रहा है।