जयपुर: राजस्थान में अगले वर्ष चुनाव हैं। चुनावों के मद्देनज़र जहां कांग्रेस और भाजपा चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं, वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन भी राजस्थान में एंट्री करने जा रही है। ओवैसी की पार्टी AIMIM जल्द ही राजस्थान में ज़ोरदार एंट्री करने जा रही है। एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी राजस्थान में पढ़े-लिखे नौजवानों पर सियासी दांव लगाने जा रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान के एक होनहार मुस्लिम नौजवान RAS अधिकारी “स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति” यानी वीआरएस लेकर ओवैसी की पार्टी की सदस्यता लेने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि उन्हें प्रदेशाध्यक्ष की कमान सौंपी जाएगी।
माना जा रहा है कि राजस्थान में पार्टी को खड़ा करने की बड़ी ज़िम्मेदारी इन्हीं RAS अफ़सर के कंधों पर होगी। इनकी अगुवाई और असदुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में सूबे के कई पत्रकार, लेखक, डॉक्टर, इंजीनियर, एक्टिविस्ट व शिक्षाविद सहित कई अहम लोग AIMIM में शामिल होंगे। माना जा रहा है कि ओवैसी की पार्टी पूरे दम-ख़म के साथ 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरेगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले हफ़्ते राजस्थान को लेकर दिल्ली में राजस्थान के कई ज़िम्मेदार लोगों की मौजूदगी में रणनीति बनाई है।
सूत्रों की मानें तो ओवैसी ने राजस्थान की चार दर्जन से ज़्यादा मुस्लिम बाहुल्य सीटों का चयन भी कर लिया है। इनमें विशेष तौर से नागौर ज़िले की चार सीटें, जयपुर, अलवर, भीलवाडा और झूंझुनू ज़िलों की तीन-तीन सीटें एवं कोटा, अजमेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, चूरू, सीकर, चितौड़गढ़, भरतपुर, अलवर ,टोंक, सवाईमाधोपुर ज़िलों की दो-दो सीटें शामिल हैं। अभी तक सूबे की लगभग 53 सीटों का ख़ाका तैयार किया जा चुका है।
ओवैसी के दौरे
बीते दो वर्ष में ओवैसी ने कई बार राजस्थान का दौरा किया है। पिछले दिनों, करौली और जोधपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में भी ओवैसी ने अशोक गहलोत पर हमला बोला था। वहीं राजस्थान की गहलोत सरकार द्वारा उर्दू और अल्पसंख्यकों की उपेक्षा भी ओवैसी की दावेदारी को मज़बूत बना रही है।