कर्नाटक हाई कोर्ट के फ़ैसले पर बोले ओवैसी, ‘सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, मुसलमान के लिए हिजाब भी एक इबादत’

नई दिल्लीः शिक्षण संस्थानों में हिजाब प्रतिबंधित करने के ख़िलाफ़ दायर की गई याचिका को कर्नाटक हाई कोर्ट के ख़ारिज करने के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि वो ‘इस फ़ैसले से असहमत हैं क्योंकि संविधान की प्रस्तावना विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास और पूजा की स्वतंत्रता की बात कहती है.’

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

कर्नाटक हाई कोर्ट ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब को प्रतिबंधित करने के फ़ैसले को चुनौती देने वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि इस्लाम धर्म में हिजाब पहनना एक अनिवार्य प्रथा नहीं है. ओवैसी ने इस मामले में कई ट्वीट किए हैं. पहले ट्वीट में वो लिखते हैं, “हिजाब पर कर्नाटक हाई कोर्ट के फ़ैसले से मैं असहमत हूं. फ़ैसले से असहमत होना मेरा अधिकार है और मैं उम्मीद करता हूं कि याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.”

न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मुस्लिम महिलाओं द्वारा हिजाब पहनना इस्लाम के तहत आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है और विद्यालय के यूनिफॉर्म का निर्धारण केवल एक उचित प्रतिबंध है, जिस पर छात्र-छात्राएं आपत्ति नहीं कर सकते। न्यायालय की पीठ ने यह भी कहा कि राज्य सरकार के पास इस संबंध में आदेश जारी करने का अधिकार है।

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ऋतु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जे. एम. काजी की तीन सदस्यीय पीठ ने यह फैसला सुनाया। न्यायालय ने इस संबंध में सुनवाई के 11वें दिन 25 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

इससे पहले पीठ ने एक अंतरिम आदेश पारित किया था, जिसमें छात्र-छात्राओं को निर्धारित ड्रेस कोड वाले कॉलेजों में कक्षाओं में भाग लेने के दौरान हिजाब, भगवा शॉल या किसी भी धार्मिक झंडे का उपयोग नहीं करने का आदेश दिया गया था।