नई दिल्लीः ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी सरकार द्वारा बनाए गए कथित लव जिहाद क़ानून (ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण अध्यादेश) के ख़िलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह क़ानून भारतीय संविधान से मिले शादी करने के अधिकार के ख़िलाफ है। एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ओवैसी ने कहा कि दो बालिग़ युवक युवती को अपनी मर्ज़ी से शादी करने का अधिकार प्राप्त है, लेकिन यह क़ानून उसकी ख़िलाफवर्जी करता है।
हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिज़्जा खाने पर मुकदमा दर्ज हो रहा है, घूमने फिरने, कॉफी पीने पर मुकदमा दर्ज हो रहा है, इस क़ानून के बाद एक महिला को गर्भपात से गुजरना पड़ा, यह पूरी तरह असंवैधानिक है। असद ओवैसी ने कहा कि एक तरफ मुस्लिम युवक से शादी करने वाली हिंदु युवती और उसके ससुराल वालों को यातनाएं दी जा रहीं हैं, दूसरी ओर धर्म बदलकर हिंदू युवकों से शादी करने वाले प्रेमी युगल को पुलिस सुरक्षा दी जा रही है।
एआईएमआईएम के सांसद ने कहा कि इस तरह का क़ानून एक समुदाय को प्रताड़ित करने के लिये लाया गया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह अफ्रीक़ा में ह्वाईट सुपरमैसी ने भारतीयों और काले समुदाय के साथ भेदभाव किया था वैसा ही अब भारत में शुरु होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह वहां ट्रेन में लिखा रहता था कि यहां भारतीय नहीं बैठ सकते वैसा ही अब भारत में होने जा रहा है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह क़ानून सिर्फ इसलिये लाया गया है ताकि समाज में मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाई जा सके।
उन्होंने कहा कि शादी एक निजी फैसला है, और संविधान ने नागरिकों अपनी मर्जी से शादी करने का अधिकार दिया हुआ है, लेकिन भाजपा शासित राज्य खुले आम संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हज़ारों किसान दिल्ली के बाहरी इलाके में ठंड के मौसम में कृषि कानून को वापस लेने और MSP पर कानून बनाने की मांग कर रहे है लेकिन सरकार उनकी बातें सुनने को तैयार नहीं है, सिर्फ नफरत पैदा करने में जुटी है।