नयी दिल्ली: कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस तथा द्रमुक सहित 13 विपक्षी पार्टियों ने हाल में देश के विभिन्न हिस्सों में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं पर क्षोभ व्यक्त करते हुए देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की और इन घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर हैरानी जताई।
विपक्षी दलों के नेताओं ने शनिवार को यहां जारी संयुक्त बयान में लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील करते हुए सरकार से दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए भोजन, पोशाक, आस्था, त्योहारों और भाषा से संबंधित मुद्दों का सोचे समझे इस्तेमाल करना बहुत दुखद है।
विपक्षी दलों के नेताओं ने अभद्र भाषा की बढ़ती घटनाओं पर भी चिंता जताई और कहा कि ऐसी भाषा का इस्तेमाल करने वाले लोगों को संरक्षण मिला है इसलिये उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। कई राज्यों में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि जिन क्षेत्रों में हिंसा फ़ैली वहां धार्मिक जुलूसों से पहले भड़काऊ भाषण दिए गए।
जिन विपक्षी दलों ने यह बयान जारी किया उनमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सुप्रीमो शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी, द्रमुक अध्यक्ष तथा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीताराम येचुरी, झारखण्ड के मुख्यमंत्री और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमन्त सोरेन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, राजद के तेजस्वी यादव, भाकपा महासचिव डी. राजा, फारवर्ड ब्लॉक के महासचिव देवव्रत विश्वास, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के महासचिव मनोज भट्टाचार्य, आईयूएमएल के पी. के. कुन्हालीकुट्टी तथा भाकपा-एमएल लिबरेशन के दीपांकर भट्टाचार्य शामिल हैं।