नई दिल्लीः किसान आंदोलन के बीच नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के बयान विपक्षी दलों को केन्द्र सरकार पर हमला करने का एक और मौक़ा दे दिया है। नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने मंगलवार को कहा था कि भारत में ‘कुछ ज्यादा ही लोकतंत्र है’ जिसके कारण यहां कड़े सुधारों को लागू करना कठिन होता है। अमिताभ ने कहा था कि देश को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिये और बड़े सुधारों की जरूरत है। उनके बयान पर जहां मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस हमलावर है, वहीं अब बसपा के तेज तर्रार सांसद कुंवर दानिश अली ने भी अमिताभ कांत पर निशाना साधा है।
अमरोहा से लोकसभा सांसद कुंवर दानिश अली ने कहा कि संसार के सबसे बड़े लोकतंत्र की तमाम संस्थाओं को तहस-नहस करने के बाद भी दिल नहीं भरा? कहते हैं कि भारत में ज़रूरत से ज़्यादा लोकतंत्र है जो ‘काम’ नहीं करने देता।लोकतंत्र के कितने जनाज़े अभी निकलने बाक़ी हैं? एक भी व्यक्ति, एक भी संस्थान ना बचे जो सवाल कर सके।
संसार के सबसे बड़े लोकतंत्र की तमाम संस्थाओं को तहस-नहस करने के बाद भी दिल नहीं भरा? कहते हैं कि भारत में ज़रूरत से ज़्यादा लोकतंत्र है जो ‘काम’ नहीं करने देता।लोकतंत्र के कितने जनाज़े अभी निकलने बाक़ी हैं ? एक भी व्यक्ति, एक भी संस्थान ना बचे जो सवाल कर सके #NewIndia #democracy pic.twitter.com/lQ214vz4J4
— Kunwar Danish Ali (@KDanishAli) December 9, 2020
दानिश अली ने किसानों द्वारा आठ दिसंबर को किये गए भारत बंद के बहाने भी केन्द्र सरकार को घेरने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि देश के किसानों ने एक अत्यंत सफल व शांतिपूर्ण ‘भारत बंद’ का आयोजन करके स्पष्ट संकेत दे दिया है कि अब पूँजीपतियों की गोद में बैठी सरकार की मनमानी नहीं चलेगी। अब किसानों के भविष्य के फ़ैसले बंद कमरों में नहीं होंगे।किसानों के अधिकारों का सौदा सरकार को महंगा पड़ेगा।
बता दें कि अमिताभा कांत के बयान पर राहुल गांधी ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधा है। राहुल ने कहा कि, ‘‘श्रीमान मोदी के कार्यकाल में सुधार, चोरी के जैसा है। इसलिए वे लोकतंत्र से छुटकारा पाना चाहते हैं।’’