व्यापम की तर्ज़ पर योगी राज में यूपी में भी सामने आया भर्ती घोटाला!

गिरीश मालवीय

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योगी सरकार का व्यापमं से बड़ा घोटाला पकड़ा गया है. 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में से 31 हजार 661 पदों पर भर्ती के मामले में योगी सरकार ने हाई कोर्ट में स्वीकार किया है, कि चयन में गलतियां हुई हैं। और कुछ कम मेरिट के लोगों को नियुक्ति मिल गई। जबकि अधिक मैरिट वालों को नहीं मिल सकी। आश्चर्य की बात है कि बिकी हुई मीडिया और यहाँ तक कि सोशल मीडिया पर भी इस बात की कोई चर्चा नही है.

एक दिन पूर्व इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही इस मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से उपस्थित होकर बताया कि एनआईसी और बेसिक शिक्षा परिषद से हुई इस गलती के जांच के लिए सरकार ने कमेटी गठित कर दी है। उन्होंने कहा कि जो भी गलतियां हुई हैं, उनको सुधारा जाएगा, कम गुणांक वालों को दिया गया नियुक्तिपत्र निरस्त कर अधिक गुणांक पाने वालों को दिया जाएगा। लेकिन बड़ा सवाल है कि आखिर ये गलत नियुक्तिया कैसे कर दी गई?

योगी सरकार ने इस घोटाले को साल भर इसे दबाए रखा प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी बार बार कहते रहे कि भर्ती प्रक्रिया में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. लेकिन एक एक कर के भ्रष्टाचार के सारे सुबूत खुद ब खुद बाहर आने लगे. क्यो कि इस परीक्षा में ऐसे लोग टॉप कर गए जो देश के राष्ट्रपति का नाम तक नही जानते थे.

बड़ी बात यह है कि यह कोई दो चार पदों के का मामला नही है  31हजार 661 पदों का मामला है इस घोटाले में कितनी रकम इनवॉल्व हो सकती है इसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि घोटाले के मुख्य आरोपी के बारे में पता चला है कि वह अयोग्य उम्मीदवारों से 6 से 7 लाख रुपये लेकर उनका इन पदों पर चयन करवा रहा था अब 6 लाख को 31661 से एक बार गुणा कीजिए.

इसकी जानकारी तब हुई जब उत्तरप्रदेश पुलिस ने शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी और कथित टॉपर को गिरफ्तार किया धर्मेंद्र पटेल को 150 में से 142 नम्बर मिले थे और कहा जा रहा है कि उसे देश के राष्ट्रपति का भी नाम नहीं पता था. धर्मेंद्र पटेल की गिरफ्तारी के बाद इस घोटाले के मास्टरमाइंड का पता चला है इसका नाम है कृष्ण लाल पटेल. इसके अलावा नकल माफियाओं के गिरोह के सरगना पर भी पुलिस का ध्यान गया है.

खास बात यह भी है कि मास्टरमाइंड 69 हजार सहायक शिक्षा भर्ती में नकल कराने का मुख्य आरोपी डॉक्टर कृष्ण लाल पटेल मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाले में 45 दिन जेल में बंद था। बताया जा रहा है कि केएल पटेल ने कानून के फंदे से बचने के लिए कई नेताओं से नजदीकी बढ़ाई। विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा कर चुका है.

शुरू से ही इस परीक्षा पर सवाल उठना शुरू हो गए थे केस अदालत में पुहंच गया योगी सरकार को भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया इसके बाद 13 मई को नतीजे जारी कर दिए गए. लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सप्ताह के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया. आखिर योगी जो को भर्ती करने की इतनी जल्दी क्यो मची थी?

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं)