नई दिल्लीः भीम आर्म के संस्थापक और आज़ाद समाज पार्टी के सुप्रीम चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा है कि देशभर में दलितों का नरसंहार किया जा रहा है। मप्र के छतरपुर में एक दलित ने खाना छुआ तो बेरहमी से पीट पीटकर Lynching करके उसकी हत्या कर दी गई। भारत मे जातिवाद एक ऐसी बीमारी है जहां गाय पवित्र है लेकिन इंसान नहीं। इसका विनाश जरूरी है। सरकार बदलेगी और हम एक एक जुल्म को याद रखेंगे। चंद्रशेखर ने ये बातें इसलिये कही क्योंकि मध्यप्रदेश के छतरपुर में 25 वर्षीय एक दलित युवक को एक आयोजन में खाना छूने के कारण, ऊंची जाति के युवकों ने इतना पीटा कि उसकी जान चली गई।
उत्पीड़न के ख़िलाफ आवाज़ बने हैं चंद्रशेखर
बता दें कि साल 2017 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में दलित उत्पीड़न के ख़िलाफ चंद्रशेखर का उभार हुआ था। हालांकि उन्हें इसकी क़ीमत चुकानी पड़ी है, उन्हें 16 महीने जेल में रखा गया। जेल से छूटने के बाद चंद्रशेखर देश में जगह जगह घूमकर समाजिक चेतना जगाते रहे। उन्हें बहुजन समाज की एक दमदार आवाज़ माना जाता है। इतना ही नहीं वे सीएए विरोधी आंदोलन का भी चेहरा बनकर उभरे थे। फिलहाल चंद्रशेखर किसान आंदोलन के मंच पर दो बार जा चुके हैं। बीते रोज़ भारत बंद के दौरान उनके संगठन भीम आर्मी के कई कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प भी हुई थी।
भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं की इस झड़प पर भारतीय किसान यूनियन भी चंद्रशेखर के साथ आ गया है। भाकियू के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने भारत बंद में सहयोग के लिए भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करते हुए भारत बन्द में गिरफ्तार हुए भीम आर्मी कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की है।
इस पर चंद्रशेखर ने कहा कि हम किसान भाइयों को ये आश्वासन देते है कि जब तक किसान आन्दोलन चलेगा हमारा पूर्ण समर्थन रहेगा। यहां हम ये भी कहना चाहेंगे कि सरकार द्वारा किसानो के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ संघर्ष करके हम देश हित व संविधान की सुरक्षा के लिये अपना कर्तव्य पूरा कर रहे है। इसके लिये धन्यवाद की आवश्यकता नहीं है। हमें पूर्ण विश्वास है कि अन्नदाता जीतेगा, तानाशाह सरकार झुकेगी।