नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज के राष्ट्र को संबोधित किया। एक तरफ जहां सत्तारूढ़ पार्टी के नेता पीएम मोदी की वाह वाही कर रहे हैं। वहीं स्वतंत्र पत्रकार कृष्णकांत ने पीएम मोदी के इस संबोधन की आलोचना की है। कृष्णकांत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अगर जनता ऐसे ही झूठे भाषण से बहुत प्रभावित होती है तो मैं लगातार 18 घंटे तक इससे ज्यादा बोगस भाषण दे सकता हूं. न कोई आंकड़ा, न कोई ठोस बात, बस लफ्फाजी. ये आज तक नहीं बताया गया है कि भारत ने अब तक अपनी पूरी आबादी के लिए कितने करोड़ वैक्सीन का परचेज आर्डर दिया है. तमाम देशों ने वैक्सीन आने के पहले ही अपनी आबादी का दो तीन गुना वैक्सीन सीक्योर कर ली थी. भारत आज भी इसका जवाब देने की हालत में नहीं है.
उन्होंने लिखा कि आज फिर झूठ का पुलिंदा प्रसारित हुआ. ये भाषण इसलिए दिया गया है ताकि कोविड की तबाही और असफलता का जिम्मा राज्य सरकारों पर डाला जा सके. प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि भारत ने दो वैक्सीन लॉन्च की है. क्या सच में? ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन में भारत का क्या योगदान है?
कृष्णकांत ने लिखा कि राजधानी दिल्ली तक में, सरकार की छाती पर लोग ऑक्सीजन के बिना तड़पा तड़पा कर मारे गए हैं. अब अपने मुंह से तारीफ सुन लीजिए. कोई राज्य ऐसा नहीं है जहां वैक्सीन की कमी न हो, लेकिन अपने मुंह अपनी झूठी तारीफ सुन लीजिए. कह रहे हैं वैक्सीनेशन के लिए मिशन इंद्रधनुष लॉन्च किया गया है. इससे पहले कितने मिशन पूरे हुए हैं? 5 ट्रिलियन इकोनॉमी, मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप, स्मार्ट सिटी, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, आदर्श ग्राम योजना… कौन सा मिशन अब तक पूरा हुआ है?
इस युवा पत्रकार ने कहा कि जो डेढ़ साल में ये नहीं बता सके कि 162 ऑक्सीजन प्लांट कहां लगे, वे कह रहे हैं कि हमारी नीति और नीयत साफ है. अगर नीयत साफ है तो वेंटिलेटर घोटाला क्यों हुआ? अस्पतालों में घटिया वेंटिलेटर क्यों भेजे गए जो किसी की जान बचाने के काबिल भी नहीं थे?
केंद्र वैक्सीन खरीद कर राज्य को देगा, ये घोषणा अपनी गलती का सुधार है. इसके लिए राष्ट्र के नाम संबोधन की कोई जरूरत नहीं थी. पिछले दो महीने में हुई तबाही के चलते शर्म महसूस करना चाहिए था और किसी अधिकारी से ये घोषणा करवा देनी चाहिए थी. आज राष्ट्र के नाम संबोधन में आज फिर बकवास किया गया.