अशरफ़ हुसैनी
दिल्ली: ओमीक्रोन के बढ़ते ख़तरे को देखते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड हर रोज़ ओमीक्रोन जैसी महामारी से बचने के बारे में अपने हर कोच के भीतर अनाऊंसमेंट के द्वारा कर रही है। लेकिन सरकार द्वारा जारी की गई गाईडलाईन कहीं न कहीं विफल होती दिखाई दे रही हैं। दिल्ली मेट्रो में खचाखच भरे डिब्बे इस बात का सबूत दे रहे हैं कि ओमीक्रोन जैसे कोई बीमारी ही ना हो। दिल्ली मेट्रो में, दिल्ली मेट्रो के हर प्लेट फार्म पर ये अनाऊंसमेंट हो रहा है कि मेट्रो की सीट पर 50प्रतिशत सवारी ही बैठ कर सफर करें।
लेकिन यह सब मेट्रो के अंदर देखने को नहीं मिल रहा है। कानून का उल्लंघन पूर्ण रूप से हो रहा है। दिल्ली मेट्रो सुरक्षा में पूरी तरह से चूक देखने को मिल रही है। दिल्ली सरकार भी लगातार ओमीक्रोन को लेकर तरह तरह की नई नई गाईडलाइन जारी कर रही है। जब कंन्द्रीय सरकार ने बायोमेट्रिक अटेंडेंस मशीन पर पाबंदी लगा दी है तो मेट्रो में भीड. कम क्यों नहीं हो पा रही है, कहीं न कहीं मेट्रे सुरक्षा में बहुत बड़ी चूक हो रही है। जो कि बहुत ही खतरनाक साबित हो सकती है।
आपको बता दें कि दिल्ली मेट्रो में खड़े होकर यात्रा करना दण्ड के साथ मना किया हुआ है, उसके बावजूद भी भीड़ कम होने का नाम तक नहीं ले रही है। आपको बताते चलें कि मेट्रो में अंदर जाना भी कहीं न कहीं खतरे से खाली नहीं है। बाहर स्टेशन पर लंबी लंबी कतारें लगी रहती हैं कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होता दिखाई दे रहा है।
लगेज बैग वालों की लाईन में बिना लगेज बैग व बिना हैण्ड बैग वाले भी खड़े दिखाई देते हैं, जबकि बिना बैग वाले लोगों को अंदर जाने के लिए अलग से दो दो मैटल डिडेक्टर गेट हाते हैं, उन दोनों को दिल्ली मेट्रो सुरक्षा अपने तरीके से खोलती है और अपने तरीके सी ही बंद करती है। जबकि भीड़ को नियंत्रण करने के लिए सभी मैटल डिडेक्टर दरवाजों को खोल देना चाहिए। जिससे सवारियों को मेट्रो मेन गेट के अंदर जाने में आसानी हो सके।