नई दिल्लीः नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) ने मुंबई पुलिस की ओर से एक असामान्य घटनाक्रम में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सभी सम्पादकीय कर्मचारियों पर मामला दर्ज किये जाने की कड़ी निंदा की है और इसे आपातकाल के दिनों से भी अधिक काला दिन करार दिया है। एनयूजे (आई) ने मुंबई पुलिस के इस कदम की भर्त्सना करते हुए रिपब्लिक टीवी के पत्रकारों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को तुरंत रद्द करने की मांग की है।
एनयूजे (आई) अध्यक्ष मनोज मिश्र तथा महासचिव सुरेश शर्मा ने शनिवार को यहां जारी विज्ञप्ति में कहा कि यह संगठन इस बात से स्तब्ध है कि मुंबई पुलिस ने सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के एक असामान्य मामले में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के पूरे संपादकीय स्टाफ के खिलाफ मामला दर्ज करके प्रेस का मुहं बंद करने का प्रयास किया है। मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के सभी पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करके आपातकाल के काले दिनों को भी पीछे छोड़ दिया है। संगठन का कहना है कि आपातकाल में भी एक साथ किसी संस्थान के सभी पत्रकारों को इस प्रकार निशाना नहीं बनाया गया था।
विज्ञप्ति के अनुसार, इससे पहले मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क को एक नोटिस जारी करके चैनल की शुरुआत से अबतक के हर लेन देन का विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा था। इस घटनाक्रम से लगता है कि मुंबई पुलिस किसी निजी रंजिश का बदला लेने के लिए सभी मर्यादाओं को तार-तार कर रही है जो निंदनीय है। एक वक्तव्य में मुंबई पुलिस के इस कदम की भर्त्सना करते हुए मांग की है कि पत्रकारों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को तुरंत रद्द किया जाए।
एनयूजे (आई) ने भारतीय प्रेस परिषद से इस मामले में तत्काल स्वतः संज्ञान लेकर मीडिया की अभिव्यक्ति की आज़ादी की सुरक्षा की दिशा में कदम उठाने की मांग की है। संगठन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी अपील की है कि वह इस मीडिया संस्थान और पत्रकारिता के दमन पर जल्द हस्तक्षेप करें जिससे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ अपने दायित्वों का खुले वातावरण में निर्वहन कर सके।