किसानों के साथ सरकार की वार्ता बेनतीजा, इंजीनियर इरफान बोले ‘तीनों काले क़ानून वापस लो तभी समाप्त होगा आंदोलन’

नई दिल्ली/लखनऊः दिल्ली के विज्ञान भवन में सरकार और किसानों के नेताओं के बीच शनिवार को हुई वार्ता बेनतीजा रही है। वार्ता में ये तय हुआ है कि दोनों पक्षों के बीच अगले दौर की बातचीत अब 9 दिसंबर को होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ सरकार ने 9 दिसंबर को फिर बैठक की पेशकश की है और किसान यूनियनों से समय मांगा है ताकि आगे की बातचीत के लिए ठोस प्रस्ताव तैयार किया जा सके।

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विज्ञान भवन से बाहर निकले किसान नेताओं के मुताबिक, केंद्र सरकार का कहना है कि वो उन्हें 9 दिसंबर को एक प्रस्ताव भेजेगी। उस प्रस्ताव पर किसानों के बीच चर्चा के बाद उसी दिन बैठक में हिस्सा लिया जाएगा। इसबीच ख़बरें मिल रही हैं कि किसान विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने के लिए और किसान दिल्ली की तरफ़ आ रहे हैं। किसानों के साथ सरकार की वार्ता बेनतीजा रहने पर पीस पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी इंजीनियर ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

इंजीनियर इरफान ने कहा कि सरकार बार बार आंदोलनकारी किसानों को वार्ता के लिये आमंत्रित करके उनका समय बर्बाद कर रही है। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को खत्म करने का सिर्फ एक ही तरीक़ा है कि सरकार उन तीनों क़ानूनों को वापस ले ले जो कृषि सुधार के नाम पर बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के दावे ज़मीन पर खोखले साबित हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी को उनकी ही पार्टी के शासित राज्यों से चुनौती मिल रही है।

पीस पार्टी के नेता ने हाल में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान का हवाला देते हुए कहा कि नए कृषि सुधार क़ानून के मुताबिक़ किसान अपनी फसल देश में कहीं भी बेचने के लिये तैयार है, लेकिन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि अगर किसी दूसरे राज्य का किसान मध्यप्रदेश में अपनी फसल बेचने आया तो उसके ख़िलाफ कानूनी कार्रावाई की जाएगी, इससे पहले इसी तरह का बयान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी दे चुके हैं।

इंजीनियर इरफान ने सवाल किया कि जब किसान अपनी फसल बेचने के लिये आज़ाद है तब हरियाणा और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री किसान विरोधी बयान क्यों दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार सिर्फ देश की जनता को गुमराह करना जानती है, लेकिन जनता अब समझदार है और गुमराही का शिकार नहीं होगी, वह भाजपा की इस पूंजीवादी नीतियों को अच्छी तरह समझ चुकी है। इंजीनियर इरफान के कहा कि सरकार को ये तीनों काले क़ानून हर हाल में वापस लेने होंगे।