सहारनपुरः 12वीं रहमत कांफ्रेंस के तत्वावधान जामिया रहमत घघरोली, सहारनपुर में एक शानदार कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसकी अध्यक्षता ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के संस्थापक सदस्य मौलाना हकीम मुहम्मद अब्दुल्लाह मुगीसी ने की। मौलाना अब्दुल्ला मुगीसी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत मदरसों को नष्ट नहीं कर सकती और न ही उन्हें खत्म किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि मदरसे अल्लाह की ज़िम्मेदारी हैं, तो आइए हम अल्लाह पर भरोसा करें और उसकी सभी आज्ञाओं का पालन करें। उन्होंने कहा कि आज मुसलमान मुश्किल हालात में हैं, लेकिन याद रहे कि जुल्म हमेशा नहीं रहता, अँधेरे के बाद उजाला आता है, ये अल्लाह तआला का निज़ाम है, तो आइए हम पूरी तरह से शरिया के मुताबिक़ जीवन जीने का संकल्प लें।
अल्लामा मुफ्ती अब्दुल गनी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी सबसे बड़ी कमी यह है कि हम भाग्य पर विश्वास नहीं करते हैं, हमने खुद को अल्लाह से दूर कर लिया है, याद रखें कि हम अल्लाह को जितना याद करेंगे अल्लाह भी हमको उतना ही याद करेंगे। काजी अबू रेहान फारूकी ने अपने बयान में कहा कि सबसे अच्छा आदमी वह है जो लोगों को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाए,हमें धर्म की सेवा करनी है, पैगंबर के तरीकों को पहचानना है, उन्हें अपनाना है और अपने जीवन को बेहतर बनाना है।
मौलाना सैयद अब्दुल अली हसनी साहिबजादा मौलाना सैयद बिलाल हसनी नदवी ने अपने भाषण में कहा कि यह अल्लाह का कानून है कि जो अधिक फायदेमंद है वह रहता है और पवित्र पैगंबर का जीवन अधिक फायदेमंद है, आपकी नैतिकता, आपकी शिक्षाएं आपका पूरा जीवन हमारे लिए सबसे फायदेमंद है, पैगंबर का जीवन सबसे बड़ा उदाहरण है, इसलिए हमें इसे अपना आदर्श बनाना चाहिए।
मौलाना सईदी मुतवल्ली मदरसा मजाहिर उलूम वक्फ सहारनपुर, मौलाना ताहिर शेख उल हदीस रायपुर, मौलाना आरिफ कासमी इब्राहीमी, सूफी मोइनुद्दीन खानकाह पठेड़, शाह अतीक खानकाह रायपुर, मौलाना रियाज अल हसन नदवी ने संरक्षक के रूप में भाग लिया।
संयोजक (मौलाना डॉ.) अब्दुल मालिक मुगीसी, जिला अध्यक्ष मिल्ली कौंसिल सहारनपुर व प्रिंसिपल जामिया रहमत और मुफ्ती मुहम्मद साबिर कासमी शेख-उल-हदीस जामिया अहमद उलूम खानपुर ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का संचालन किया। डॉक्टर अब्दुल मालिक मुगीसी ने सभी मेहमानों का धन्यवाद किया। उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने वाले विद्वानों का परिचय दिया और कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में बताया।
शुरूआत में जामिया रहमत के विद्यार्थियों ने अपना कार्यक्रम प्रस्तुत किया जिसमें विद्यार्थियों ने भाषण और नात व हम्द प्रस्तुत कि। कार्यक्रम को मौलाना मुहम्मद आकिल कासमी, मुफ्ती मुहम्मद इमरान अहमद उल उलूम खानपुर, मुफ्ती नसीरुद्दीन मजाहिरी, मौलाना मुहम्मद हाशिम मुहतमीम काशिफ उलूम छुटमलपुर मौलाना अब्दुल रशीद मदरसा मिर्जापुर, मौलाना नसीम अख्तर शाह कैसर दारुल उलूम वक्फ देवबंद, मौलाना अब्दुल खालिक मुगीसी उस्ताज़ जामिया रहमत, मौलाना महफूज-उर-रहमान, मौलाना तौकीर अहमद कासमी उस्ताज़ अंग्रेज़ी दारुल उलूम देवबंद, मौलाना वासिल हुसैनी अताउर रहमान, मुफ्ती मजहर नदवी मुफ्ती मालवा, हाजी फजलुर रहमान अलीग सांसद, मजाहिर राणा और अली खान भाई उमर अली खान विधायक सहित विभिन्न विद्वानों और प्रतिष्ठित हस्तियों ने संबोधित किया।
अंत में जामिया रहमत के 13 हाफिजों को सनद देकर सम्मानित किया गया और एक जोड़े की शादी भी आसान और विवाहित विवाह अभियान के तहत संपन्न हुई। कार्यक्रम का समापन अध्यक्ष मौलाना अब्दुल्ला मुगीसी की प्रार्थना के साथ हुआ। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोगों के साथ-साथ आसपास के जिलों के उलमाओं, इमामों और दानीश्वरों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में मौलाना आसिफ नदवी, अल्हाज फजलुर रहमान, मौलाना मुहम्मद आमिर तिड़ोली, साबिर अली खान, शेर शाह आजम, आरिफ खान, मौलाना सलाहुद्दीन जाहिदी, कारी जुबैर , मौलाना तैय्यब इमादपुर, कारी जीशान कादरी, मौलाना मसरूर देवबंद, मौलाना असजद मिफ्ताही, मौलाना शमशेर हुसैनी, कारी शौकीन, मौलाना सलमान नदवी और मौलाना साजिद रशीदी मौजूद थे।