किसी भी देश ने भारत जैसा सम्पूर्ण लॉक डाउन नहीं किया था, और इस तरह सरकार ने अर्थव्यवस्था की कमर

गिरीश मालवीय

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देश में सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाउन लगा दिया गया इसे लेकर आज संसद में भी सवाल उठा कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ये सवाल उठाया कि ‘वे कारण क्या हैं, जिनकी वजह से 23 मार्च को मात्र चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाउन लगाया गया. ऐसी क्या जल्दी थी कि देश में इतनी कम अवधि में लॉकडाउन लगाया गया. क्या लॉकडाउन कोविड 19 रोकने में सफल रहा है?’

केंद्र सरकार ने लिखित में जवाब दिया. सरकार ने कहा कि दुनिया के कई देशों के अनुभवों को देखने के साथ विशेषज्ञों की सिफारिश पर यह कदम उठाया गया. लोगों की आवाजाही से देश भर में कोरोना फैलने का खतरा था. सरकार को यहाँ ये स्पष्ट करना चाहिए कि आखिरकार वे कौन से विशेषज्ञ थे जिनकी सलाह मानकर यह लॉक डाउन लगाया गया?

यह टोटली मिस लीडिंग वाली बात कर रही है सरकार, किसी भी देश ने भारत जैसा सम्पूर्ण लॉक डाउन नहीं किया था कोविड के संदर्भ में विश्व में सबसे पहले चीन ने वुहान प्रांत लॉकडाउन किया था लेकिन वह सिर्फ एक प्रांत में किया गया लॉक डाउन था,वह पुरे देश में किया गया लॉक डाउन नहीं था उसके बाद इटली ने भी 9 मार्च को लॉकडाउन लगा दिया। लेकिन वहा बहुत तरीके से छूट दी गयी थी.

16 मार्च को फ्रांस में लॉकडाउन हुआ वहा भी इटली जैसी स्थिति थी। जर्मनी में बढ़ते मामले को देखते हुए 22 मार्च से वहां लॉकडाउन लागू किया गया. लेकिन यह लॉक डाउन भारत जैसे कड़े उपायों वाले लॉक डाउन नही थे और सबसे बड़ी बात यह है कि लॉक डाउन के बाद वहाँ नए मामलों में कमी दर्ज की गई उन्होंने कोरोना की रफ्तार को काबू पाने के लिए लॉक डाउन लगाया और वे पूर्ण रूप से सफल रहे. कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देशों में से 7 ने टोटल लॉकडाउन किया था, इन 7 देशों में भारत ही एकमात्र देश है, जहां नए कोरोना संक्रमितों की संख्या का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है। बाकी 6 देशों में हर दिन सामने आने वाले नए मामलों की संख्या में लगातार कमी आ रही है।

अमेरिका और ब्राजील में नेशनल लेवल पर लॉकडाउन नहीं लगाया बल्कि राज्यों ने अपने-अपने स्तर पर लॉकडाउन लगाए, ताइवान ने चीन के पास होते हुए भी बिना लॉकडाउन के स्थिति को संभालने में कामयाबी पाई। दक्षिण कोरिया ने भी बिना लॉक डाउन के कोरोना को रोकने में अभूतपूर्व सफलता हासिल की,स्वीडन में कोरोनावायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन नहीं लगाया गया पाकिस्तान ने भी लॉक डाउन नही लागू किया.

जापान, इंडोनेशिया और सिंगापुर ने आंशिक रूप से लॉक डाउन लगाया था उन्होंने कड़े प्रतिबंध नही लगाए. आज इन तमाम देशों की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ गयी है लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था जो पहले से ही मंदी से जूझ रही थी उसमे कोढ़ में खाज की स्थिति देखी जा रही है. विश्व स्वास्थ संगठन कहता है कि उसने लॉकडाउन की सलाह नहीं दी थी। उसने इस उपाय की प्रशंसा जरूर की थी लेकिन अनुशंसा नही की, भारत में मोदी सरकार द्वारा जो सवा दो महीने का ड्रेकोनियन लॉकडाउन लागू किया गया उससे कोरोना को तो कोई फर्क नही पुहंचा लेकिन देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बर्बाद हो गयी.

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं)