निसार सिद्दीकी
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के आंकड़े के मुताबिक जब भारत में 16 हजार 109 लोगों के कोरोना की जांच हुई, तब 341 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। जबकि इस दौरान अमेरिका में 1 लाख 41 हजार 591 लोगों के कोरोना की जांच की गई और कोरोना के 26 हजार 905 मामले पॉजिटिव आए। इस दौरान इटली में 2 लाख 6 हजार 8 सौ लोंगों की जांच की गई जिसमें 53 हजार 5 सौ पॉजीटिव पाए गए हैं। साउथ कोरिया जिसने कोरोना के मामले पर ज़्यादा तेज़ी से कंट्रोल किया है। उसने सबसे ज्यादा 3 लाख 16 हजार लोगों की जांच की। जिसमें करीब 8 हजार 8 सौ मामले सामने आए हैं।
याद रखिए ये वायरस है। जितना जल्दी जांच करके डिटेक्ट किया जाएगा। उतनी जल्दी इसपर कंट्रोल किया जा सकता है। अगर जांच करने में तेज़ी नहीं बरती जाएगी तब वायरल फैलता ही जाएगा क्योंकि ये वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फिर धीरे-धीरे पूरे शहर में फैल जाता है। चीन का वुहान शहर इस का उदाहरण है। इसलिए कोशिश किया जाए कि सरकार जल्द से जल्द से ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की जांच करवाए। जिससे वायरस को रोका जा सके। नहीं बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक तैयार रहिए कोरोना की सुनामी झेलने के लिए।
(लेखक जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्विद्यालय के रिसर्च स्काॅलर हैं।)