सऊदी अरब में रहकर सात लाख प्रतिमाह कमा रहा था नीरज, मुसलमानों पर की अमर्यादित टिप्पणी और हो ‘गई घर वापसी’

मोहम्मद ख़ालिद हुसैन

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नई दिल्लीः सोशल मीडिया पर मुसलमानों और इस्लाम पर भद्दे कमेंट करने वालों पर अरब देशों की सरकार ने एक्शन लेना शुरु कर दिया है। इस तरह के कमेंट करने वालों में अधिकतर वे भारतीय हैं, जो अरब देशों में नौकरी कर रहे हैं, लेकिन उनकी दिमाग़ी कुंठा खत्म नहीं हुई है। इस तरह की मानसिकता रखने वालों में कई तो पढ़े लिखे भी शामिल हैं। हाल ही में डॉक्टर नीरज बेदी को मुसलमानों और इस्लाम पर टिप्पणी करना भारी पड़ गया। सऊदी सरकार ने नीरज बेदी को नौकरी से निकाल दिया है.

नीरज बेदी सउदी अरब के जज़ान यूनिवर्सिटी में कम्यूनिटी मेडिसिन के प्रोफ़ेसर था और एपिडीमीआलजी के हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट था। जानकारी के मुताबिक़ इसकी सैलरी 35000/- सउदी रियाल यानी लगभग 700000/- (सात लाख) रुपए प्रतिमाह थी। सऊदी अरब में रहकर यह शख्स अच्छे से कमा-खा रहा था। कोरोना संक्रमण के बाद भारतीय मीडिया ने मुसलमानों के ख़िलाफ़ जो नफ़रत का बीज बोया था उस ने प्रोफ़ेसर नीरज बेदी जैसे पढ़े लिखे इंसान के दिल में भी असर करना शुरू कर दिया। और प्रोफ़ेसर नीरज बेदी उस ज़हर को अपने ट्विटर हैंडल पर उगलने लगा।

नीरज बेदी भी मीडिया द्वारा पैदा किए गए भ्रम में पड़कर मुसलमानों और इस्लाम धर्म के ख़िलाफ़ ट्वीट करने लगा। जिसका नतीजे में इसकी नौकरी पर तलवार लटक गई है। जब इसकी शिकायत सऊदी अरब के जज़ान यूनिवर्सिटी में पहुँची तो जज़ान यूनिवर्सिटी ने इनको नौकरी से निकाल दिया। अब यह भारत लौटने की तैयारी कर रहा है। लॉकडाउन खुलते ही जैसे ही सउदी से भारत के लिए फ़्लाइट चलना शुरू होंगी तो नीरज बेदी भारत भेज दिया जाएगा।

सवाल जो उठते रहेंगे

लेकिन सवाल ये हैं की प्रोफ़ेसर नीरज बेदी जैसे न जाने कितने और भी लोग हैं जो सोशल मीडिया पर नफ़रत फैलाने के कारण अपनी अच्छी ख़ासी नौकरी से हाथ धो चुके हैं। कभी गौर कीजिएगा की इसके ज़िम्मेदार कौन लोग हैं। क्या आपको नहीं लगता की टीवी स्टूडियो में बैठकर दिन-रात हिंदू मुस्लिम पर डिबेट करने वाले गोदी मीडिया के कोट-पैंट और टाई वाले बौद्धिक आतंकवादी इस सब के ज़िम्मेदार नहीं हैं ? या यहाँ भारत में रह रहे स्वघोषित “कट्टर हिंदू” जो दिन रात सोशल मीडिया के माध्यम से नफ़रत फैलाते हैं वो इस सब के ज़िम्मेदार नहीं हैं? यही वो लोग हैं जो दिन रात हिंदू-मुस्लिम करके लोगों के दिलों में ज़हर भरते हैं और प्रोफ़ेसर नीरज बेदी जैसे असंख्य लोग इनकी इस नफ़रत में अपना बहुत कुछ गँवा बैठते हैं।