Latest Posts

सुप्रीम कोर्ट में धाराशायी हुईं NDMC की दलील, दुष्यंत दवे के तर्क के सामने नहीं टिक पाए…

आज सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील दुष्यंत दावे ने नार्थ दिल्ली नगर निगम की उस दलील की हवा निकाल दी कि जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने का हनुमान जयंती शोभा यात्रा के बाद भड़के उत्पात से कोई वास्ता नहीं हैं . वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया कि जहांगीरपुरी में अतिक्रमण विरोधी अभियान मनमाना  था क्योंकि केवल गरीबों की संपत्ति को निशाना बनाया जाता है और अमीरों और अभिजात वर्ग के अनधिकृत निर्माण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

दावे ने दलील दी “अगर आप अनधिकृत निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते हैं, तो आप सैनिक फार्म पर जाएं। गोल्फ लिंक्स पर जाएं जहां हर दूसरे घर में अतिक्रमण है। आप उन्हें छूना नहीं चाहते हैं, लेकिन गरीब लोगों को निशाना बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में लाखों लोगों के साथ 731 अनधिकृत कॉलोनियां हैं और आप एक कॉलोनी चुनते हैं क्योंकि आप 1 समुदाय को लक्षित करते हैं!”

May be an image of text

दवे ने दिल्ली नगर निगम अधिनियम की धारा 343 का हवाला देते हुए कहा कि यह किसी व्यक्ति को उसकी संपत्ति को गिराए जाने से पहले सुनवाई का उचित अवसर प्रदान करता है। हालांकि, बिना किसी सूचना के जल्दबाजी में तोड़फोड़ की गई।

सत्ताधारी दल की सबसे ज्यादा किरिकिरी तब हुई जब प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष का वह पात्र अदालत में पेश किया गया जिसमें वे एमसीडी को लिखते हैं की जिस जगह दंगा हुआ वहां बुलडोजर चलवाया जाए और उसके बाद ही जहांगीरपुरी में कार्यवाही हुई.

वे पत्र मैं भी पेश कर रहा हूँ जो की स्पष्ट अवैधानिक और अपने अधिकार क्षेत्र से परे जाने वाला है. पूरे देश में अलग अलग जगह मुस्लिम बस्तियों में  घर तोड़ने को ले कर दायर एक अन्य याचिका की सुनवाई में कपिल सिब्बल ने खा – अतिक्रमण पूरे भारत में एक गंभीर समस्या है, लेकिन मुद्दा यह है कि मुसलमानों को अतिक्रमण से जोड़ा जा रहा है।”

मध्य प्रदेश को देखें। जहां मंत्री कहते हैं कि अगर मुसलमान ऐसा करते हैं तो वे न्याय की उम्मीद नहीं कर सकते। यह कौन तय करता है? उसे वह शक्ति किसने दी?” श्री सिब्बल ने कहा . उन्होंने कुछ फोटो प्रस्तुत करते हुए कहा – मेरे पास ऐसी तस्वीरें हैं जहां एक समुदाय के लोगों को गेट के भीतर बंद  दिया गया और उनके घरों को गिरा दिया गया। यह क्या प्रक्रिया है, जिससे कानून के शासन को दरकिनार करने का डर पैदा हो?”