नई दिल्लीः किसानों के समर्थन में एनडीए के एक और घटक दल ने बग़ावती तेवर अपना लिये हैं। एनडीए में शामिल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष और राजस्थान के नागौर से लोकसभा सांसद हनुमान बेनीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। रालोपा सांसद ने केंद्र सरकार को कृषि कानूनों पर किसानों की बात सुनने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि कि केंद्र सरकार को दिल्ली आ रहे किसानों की बात को सुनकर कृषि कानून को वापस लेने की जरूरत है। हरियाणा समेत आस-पास के राज्यों की सरकारें किसानों पर कोई दमनकारी नीति नही अपनाएं।
सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए हनुमान बेनीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार को कृषि बिलो के विरोध में अपनी बात रखने दिल्ली आ रहे किसानों की बात को सुनकर बिल वापिस लेने की जरूरत है,हरियाणा सहित आस-पास के राज्यो की सरकारें किसानों पर कोई दमनकारी नीति नही अपनाएं। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पुलिस व सरकारो ने किसानों के विरोध में कोई दमनकारी नीति अपनाई तो रालोपा राजस्थान सहित देश भर में किसानों के पक्ष में प्रदर्शन करेगी।
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि केंद्र को स्वामीनाथन आयोग की सभी सिफारिशों को लागू करने की भी जरूरत है ताकि किसान कौम का भला हो सके व केंद्र को कृषि बिलों पर अपना रुख तत्काल बदलने की जरूरत है।
पहले भी कर चुके हैं विरोध
हनुमान बेनीवाल के ये बग़ावती तेवर पहली बार नहीं हैं, बल्कि वे इससे पहले भी कृषि कानूनों का विरोध कर चुके हैं। उन्होंने करीब दो महीने पहले जोधपुर में कहा था कि वे इस मामले पर किसानों के साथ खड़े हैं और किसी भी स्थिति में किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। रालोपा की आपत्ति यह है कि बिल को संसद में पेश करने से पहले सहयोगी दलों को विश्वास में नहीं लिया गया। हनुमान बेनीवाल ने कहा कि रालोपा की आपत्ति बिल के दो प्रावधान को लेकर है। पहला तो यह कि मण्डियों से बाहर खरीद में न्यूनतम समर्थन मूल्य की शर्त शामिल नहीं है, दूसरी यह कि निजी कंपनियों की किसान से खरीद में थर्ड पार्टी की भूमिका।