ज्ञानवापी और मथुरा विवाद के बीच देवबंद में जमीयत उलमा-ए-हिंद का राष्ट्रीय सम्मेलन कल से

देवबंद: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में देवबंदी मशलख के सबसे बड़े सामाजिक और धार्मिक संगठन जमीयत उलमा ए हिंद के मौलाना महमूद मदनी की अध्यक्षता वाले गुट का देवबंद में दो दिवसीय सम्मेलन कल 28 मई से प्रारंभ होगा।

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शनिवार और रविवार को आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में संगठन की गवर्निंग बॉडी की भी बैठक होगी। देवबंद स्थित ईदगाह के मैदान पर देशभर से आने वाले लगभग 2000 प्रतिनिधियों के लिये विशाल पंडाल बनाया गया है। बजरंग दल ने इस आयोजन पर उंगलियां उठाते हुए प्रशासन से आयोजन को रोकने की मांग की है।

इसके मद्देनजर जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने एसपी देहात सूरज कुमार राय के साथ शुक्रवार को आयोजन स्थल का निरीक्षण किया। प्रशासन ने इस सम्मेलन के लिए अपनी अनुमति प्रदान की है। हालांकि, जिले में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 घोषित है।

बजरंग दल के प्रांतीय संयोजक विकास त्यागी ने आरोप लगाया कि जमीयत उलमा ए हिंद अदालतों में आतंकियों की पैरोकारी करती है और देश में सांप्रदायिकता को बढ़ावा भी देती है। ऐसे संगठन के खिलाफ सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिये।

देवबंद के क्षेत्राधिकारी रामकरण ने बताया कि सुरक्षा इंतजामों को ध्यान में रखते हुए सम्मेलन स्थल पर एक कंपनी पीएसी, तीन पुलिस निरीक्षक, दस उपनिरीक्षक, छह महिला कांस्टेबल एवं चालीस सिपाहियों की तैनाती की जाएगी।

जमीयत के सम्मेलन की अध्यक्षता संगठन के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद मौलाना महमूद मदनी करेंगे। जमीयत के प्रांतीय महासचिव मौलाना मोहम्मद मदनी एवं अजीमुल्ला सिद्दिकी ने ताया कि देश के 25 राज्यों से करीब 2000 जमीयत प्रतिनिधि सम्मेलन में भाग लेंगे।

सम्मेलन में समान नागरिक संहिता, ज्ञानवापी मस्जिद विवाद, मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद सहित अन्य ज्वलंत मद्दों के कारण अल्पसंख्यकों के समक्ष उपजी चुनौतियों पर चर्चा होगी।